Bollywood Holi Songs: बहुत सारे लोग होली नहीं खेलते और इसके लिए उनकी निजी वजहें होती हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें होली का त्यौहार पसंद नहीं. इसके लिए वे अलग-अलग कारण गिनाते हैं. यूं तो बॉलीवुड में कई एक्टर-डायरेक्टर जमकर होली खेलते रहे हैं, तो कुछ ऐसा भी रहे जिन्हें होली खेलनी पसंद नहीं. लेकिन अगर किसी एक्टर को होली पसंद न हो तब भी फिल्म में ऐसे सीन करना उसकी प्रोफेशनल मजबूरी होती है. यह बात गुजरे जमाने के दिग्गज ऐक्टर सुनील दत्त पर भी लागू होती थी. सुनील दत्त ने जिंदगी में एक कठिन दौर देखा था और उन्हें होली पसंद नहीं थी. वह होली नहीं खेलते थे.


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जख्मी दिलों का बदला चुकाने
सुनील दत्त भले होली न खेलते थे और उन्हें यह त्यौहार पसंद नहीं था, मगर करियर में दो बार ऐसे मौके आए जब उन पर होली के गाने फिल्माए गए. रोचक बात यह है कि सुनील दत्त को होली के ये दोनों गाने ऐसे मिले, जिनमें वह गुस्से में हैं. खुशी-खुशी होली नहीं खेल रहे हैं. जी हां, फिल्म जख्मी (1975) का गाना आप देखेंगे तो पाएंगे कि इसके होली गीत में सुनील दत्त अपने गुस्से को प्रकट कर रहे हैं. बॉलीवुड फिल्म में ऐसा गाना शायद आपको कहीं और न देखने मिले, जहां हीरो होली में अपना गुस्सा दिखा रहा है. इस गाने के बोल थेः जख्मी दिलों का बदला चुकाने आए हैं दीवाने दीवाने. फिल्म में सुनील दत्त पर अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या का आरोप लगता है. फिल्म में राकेश रोशन, आशा पारेख और रीना रॉय भी अहम भूमिकाओं में थी. आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन खान ने फिल्म प्रोड्यूस की थी और बप्पी लाहिरी ने म्यूजिक दिया था.


बर्बाद हो गया शर्ट
बॉलीवुड में यह कहानी प्रचलित है कि सुनील दत्त को होली पसंद नहीं थी. वजह यह थी कि जिन दिनों वह बॉलीवुड में स्ट्रगल कर रहे थे, उनके पास बहुत खुद को मुंबई में बनाए रखने के लिए बहुत सीमित संसाधन थे. उनके पास ज्यादा कपड़े भी नहीं थे. कभी प्रोड्यूसर-डायरेक्टर से मीटिंग हो तो इसके लिए उनके पास इक्का-दुक्का ही ऐसे शर्ट थे, जिन्हें पहनकर वह जा सकते थे. इन्हीं कपड़ों में एक शर्ट सफेद रंग का था. स्ट्रगल के उन्हीं दिनों में, जब एक बार वह होली के मौके पर एक प्रोड्यूसर से मीटिंग के लिए जा रहे थे कि किसी ने उन पर रंग फेंक दिया. वह सफेद शर्ट हमेशा के लिए खराब हो गया, जिसे कभी नहीं पहना जा सकता था. सुनील दत्त को बहुत गुस्सा आया और इसके बाद से उन्होंने होली मनाना ही बंद कर दिया था. रोचक तथ्य यह है कि पहली बार जब उन्हें निर्देशक महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया (1957) के होली गाने (होली आई रे कन्हाई) में रंग खेलने का मौका मिला, तब भी बिरजू के किरदार में वह गुस्से में ही नजर आते हैं.


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