Lalita Pawar Tragic Life: 60- 70 के दशक की एक चर्चित एक्ट्रेस थीं ललिता पवार (Lalita Pawar) जिन्हें फिल्मों में लीड रोल भले ही नहीं मिला था लेकिन अपनी बेहतरीन एक्टिंग से वो बड़े-बड़े स्टार्स पर भारी पड जाती थीं. ललिता पवार के बारे में ऐसा बताते हैं कि उन्होंने महज 9 साल की उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. ललिता का सपना फिल्मों में हीरोइन बनने का था लेकिन ऐसा हो नहीं सका था. ऐसा नहीं था कि ललिता में टैलेंट की कोई कमी थी बल्कि इसके पीछे था एक दर्दनाक हादसा. 


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एक थप्पड़ और पूरा करियर बदल गया 


ललिता पवार का पूरा करियर एक थप्पड़ के चलते बदल गया था. ये पूरी कहानी शुरू होती है फिल्म ‘जंग-ए-आज़ादी’ की शूटिंग से, इस फिल्म में ललिता पवार और भगवान दादा काम कर रहे थे. फिल्म के एक सीन के दौरान भगवान दादा को ललिता पवार को एक थप्पड़ मारना था. बताते हैं कि भगवान दादा ने ललिता पवार को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि उनके चेहरे की नसें फट गईं, एक आंख फूट गई, यहां तक कि चेहरे के एक तरफ लकवा भी हो गया. फौरन ललिता पवार को अस्पताल भेजा गया, इस चोट से पूरी तरह से ठीक होने में ललिता पवार को लंबा समय लग गया था.


 


हार नहीं मानी और फिर की शानदार वापसी 


ललिता पवार ने इस दर्दनाक हादसे के बाद भी हार नहीं मानी और कुछ समय बाद पर्दे पर दमदार वापसी की. इस बार बतौर एक्ट्रेस नहीं बल्कि नेगेटिव किरदार निभाकर. नेगेटिव रोल्स में ललिता इस कदर प्रभावी थीं कि लोग उन्हें सच में बुरी महिला समझने लगे थे. ललिता पवार द्वारा निभाए गए रोल्स की बात करें तो वे रामायण टीवी सीरियल में निभाए गए ‘मंथरा’ के किरदार के लिए जानी जाती थीं,  जो आज भी लोगों के जहन में ताजा है.