Sunil Dutt Film: कई फिल्मों के साथ ऐसे हादसे हुए हैं कि रिलीज के समय उन्हें लोगों ने देखा नहीं, वे बॉक्स ऑफिस (Box Office) पर फ्लॉप हो गईं. लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया, लोगों को वह फिल्म पसंद आती गई. निर्देशक लेख टंडन (Lekh Tandon) की फिल्म आम्रपाली (1966) भी ऐसी ही फिल्मों में शामिल है. आज लोग आम्रपाली (Amrapali) को क्लासिक (Classic Film) की श्रेणी में रखते हैं. इसकी कहानी, वैजयंतीमाला और सुनील दत्त (Sunil Dutt) का अभिनय, वैजयंतीमाला का नृत्य, फिल्म में युद्ध के सीन, फिल्म गीत-संगीत और सबसे बड़ी बात फिल्म का संदेशः कोई भी युद्ध (War) मानवता के हित में नहीं. इस फिल्म की नाकामी ने निर्देशक लेख टंडन को ऐसा झटका दिया कि इसके बाद वह हल्की-फुल्की कॉमेडी तथा पारिवारिक फिल्में बनाने लगें. मगर अपने दौर की सबसे शानदार और सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शामिल वैजयंतीमाला फिल्म की नाकामी से टूट गईं.


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बुद्धम् शरणम् गच्छामी
आम्रपाली की नाकामी के बाद वैजयंतीमाला ने हिंदी फिल्मों से दूरी बना लीं. इसके बाद या तो उन्होंने अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए या फिर गिनी-चुनी ही फिल्में कीं. सबसे खास बात यह कि उन्होंने आम्रपाली के बाद किसी फिल्म में डांस के लिए अपनी जी-जान नहीं लगाई. आम्रपाली पाली ग्रंथों में मिलने वाली वैशाली की नगरवधु की कहानी थी. वैशाली पर पड़ोसी मगध का राजा अजातशत्रु (सुनील दत्त) हमला कर देता है. मगर परास्त होता है. वह घायल है और आम्रपाली उसकी सेवा करती है. अजातशत्रु को आम्रपाली से प्यार हो जाता है. वह बचकर निकल जाता है. लेकिन वह अगली बार आम्रपाली को पाने के लिए वैशाली पर हमला करता है. उसकी विजय होती है, मगर भीषण खूब-खराबे से परेशान आम्रपाली भगवान बुद्ध (The Buddha) की शरण में जाकर भिक्षुणी बन जाती है.


बेकार गई मेहनत
नगरवधु बनी वैजयंतीमाला ने फिल्म में जबर्दस्त परफॉर्म किया था. उन पर क्लासिकल गानों (Classical Songs) पर फिल्माए डांस का कोई मुकाबला नहीं. इस नृत्य के लिए उन्होंने गोपी कृष्ण (Gopi Krishna) जैसे नर्तक से भरतनाट्यम (Bharatnatyam) की ट्रेनिंग ली और कठिन स्टेप्स को बहुत ही सहज ढंग से पर्दे पर उतारा. भानु अथैया (Bhanu Athaiya) द्वारा तैयार पोशाकों में वैजयंतीमाला की सेक्स अपील (Sex appeal) उभर कर आई. भानु अथैया ने फिल्म में जिस डिजाइन के ब्लाउज वैजयंतीमाला को पहनाए, वे लोगों के बीच आम्रपाली ब्लाउज (Blouse) के नाम से लोकप्रिय हुए और फिर बाजार में आए. बॉलीवुड में आगे चलकर नामी कोरियोग्राफर बनीं सरोज खान (Saroj Khan) इस फिल्म में असिस्टेंट डांस डायरेक्टर थीं. फिल्म की नाकामी से निराश वैजयंतीमाला ने उनसे कहा कि मेरी सारी मेहनत बेकार चली. इसके बाद वैजयंतीमाला ने भविष्य में किसी फिल्म में अपने डांस परफॉरमेंस पर मेहनत नहीं की.


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