नई दिल्ली: आईसीसी क्रिकेट विश्व कप (ICC world cup 2019) में रविवार को खेले गए मैच में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हरा दिया. इस मैच में क्रिकेट का जबरदस्त रोमांच देखने को मिला. टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी भारतीय टीम ने जी भरके रन बनाए. रोहित शर्मा और शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की ओपनिंग जोड़ी पूरे रौब में दिखी. लंबे समय से रन को तरस रहे शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने ऐसी बैटिंग की मानो वह ऑस्ट्रेलियाई बॉलरों की धुनाई के लिए इतने दिनों से हथियार रूपी बल्ले को धार दे रहे थे.


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हालांकि  जब ऑस्ट्रेलिया बैटिंग करने उतरी तो उनके बल्लेबाजों ने भी पूरी ताकत दिखाई. वे आसानी से हथियार डालने के बजाय मजबूत लड़ाके की तरह मैच की आखिरी गेंद तक लड़ते रहे. जानकार मान रहे हैं कि यूं तो इस मैच को जीत दिलाने में पूरी भारतीय टीम की ताकत लगी, लेकिन किसी एक खिलाड़ी के रोल को चुनना हो तो हार्दिक पांड्या (Hardik pandya) की पारी काफी अहम रही.



मैच में भारत के 220 रन बन चुके थे, तभी शिखर धवन (Shikhar Dhawan) 117 रन बनाकर छक्का जड़ने की कोशिश में विकेट गंवा बैठे. क्रीज पर कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) मौजूद थे. कमेंट्री बॉक्स में वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली जैसे दिग्गज धोनी या केएल राहुल को बैटिंग करने के लिए भेजने की बात कर रहे थे. इन सभी महान क्रिकेटरों की राय थी कि भारतीय टीम को अभी 13 ओवर खेलने हैं, ऐसे में इस मौके पर संपूर्ण बल्लेबाज का क्रीज पर होना जरूरी है.



इसी दौरान कमेंट्री बॉक्स में मौजूद वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने लगातार कह रहे थे कि ऐसे मौके पर हार्दिक पांड्या (Hardik pandya) को क्रीज पर आना चाहिए. हुआ भी ऐसा ही, पांड्या क्रीज पर आए और अपनी ड्यूटी में जुट गए. आते ही ताबड़तोड़ बैटिंग शुरू कर दी. पांड्या के नंबर चार पर बैटिंग के लिए आते ही कमेंट्री बॉक्स में मौजूद कमेंटेटरों ने एक सुर में कहा सहवाग ने पढ़ लिया कोहली का माइंड. पांड्या जब तक क्रीज पर तब तक विराट कोहली (Virat Kohli) की पूरी कोशिश रही कि वह नॉन स्ट्राइक एंड पर ही रहें. पांड्या ने महज 27 बॉल में 48 रन जड़ डाले, जिसमें 4 चौके और 3 छक्के शामिल रहे.


जब ऑस्ट्रेलिया बैटिंग करने आई तो पांड्या का 48 रन काफी उपयोगी साबित हुआ. ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बॉल तक संघर्ष किया और महज 36 रनों से हारा. भारत जब मैच जीता तो एक्सपर्ट यही कहते देखे गए कि कोहली ने क्रीज को अच्छे से पढ़ लिया था और पांड्या को पहले बैटिंग के लिए भेजने की प्लानिंग सफल रही. यहां आपको बता दें कि वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और विराट कोहली (Virat Kohli) लंबे समय तक दिल्ली की टीम के लिए खेले हैं. अंतराष्ट्रीय मैचों में जब सहवाग का करियर ढलान पर था तभी कोहली की एंट्री हुई थी.


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