नई दिल्ली: आगामी 30 मई से 12वां आईसीसी विश्व कप (World Cup 2019) शुरू हो रहा है. भारत इनमें से दो बार चैंपियन बनने में सफल रहा है. अब उसकी नजरें अब तीसरे खिताब पर हैं. दुनिया के कई दिग्गजों के साथ-साथ भारतीय प्रशंसकों को भारत (Team India) की जीत का भरोसा है. हालांकि, वे इसके अलग-अलग कारण बताते हैं. किसी को कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की बेहतरीन फॉर्म पर भरोसा है तो किसी को एमएस धोनी के खेल और चातुर्य पर. टीम की मजबूत गेंदबाजी भी जीत की वजह मानी जा रही है. लेकिन इस सबके बावजूद भारतीय टीम का ट्रंपकार्ड ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ही होंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विराट कोहली, एमएस धोनी, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह के रहते हुए ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) कैसे सबसे बड़े हीरो साबित हो सकते हैं? इसका जवाब जानने के लिए आपको भारतीय टीम और वर्ल्ड कप का इतिहास जानने की जरूरत है. बता दें कि भारत ने अब तक दो वर्ल्ड कप जीते हैं. पहली बार 1983 और दूसरी बार 2011 में. इन दोनों ही विश्व कप में भारत की जीत का हीरो कोई बल्लेबाज या गेंदबाज नहीं, ऑलराउंडर ही था. 

यह भी पढ़ें: World Cup 2019: बेटी की मौत के चंद घंटे बाद विश्व कप की टीम में चुना गया पाकिस्तानी क्रिकेटर


कपिल और अमरनाथ का जवाब नहीं
भारत ने जब 1983 में वर्ल्ड कप (World Cup 1983) जीता तो टीम के कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) थे. उन्होंने उस विश्व कप में आठ मैचों में 303 रन बनाए. वे तब भारतीय टीम की ओर से टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. इसके अलावा उन्होंने टूर्नामेंट में 12 विकेट भी झटके थे. वे सफल गेंदबाजों संयुक्त रूप से छठे नंबर पर थे. जाहिर है, उनका ऑलराउंड खेल भारत की खिताबी जीत में निर्णायक साबित हुआ था. उनके अलावा मोहिंदर अमरनाथ (237 रन, 8 विकेट) ने भी टूर्नामेंट में गेंद और बैट दोनों से अहम भूमिका निभाई थी. 


युवराज ने अकेले ही पलट दिए कई मैच
साल 2011 के वर्ल्ड कप (World Cup 2011) की बात करें तो भारत की टीम में एक भी दमदार ऑलराउंडर नहीं था. टीम में ऑलराउंडर के तौर पर यूसुफ पठान थे, जो फ्लॉप रहे. ऐसे में ऑलराउंडर की जिम्मेदारी युवराज सिंह, सुरेश रैना, वीरेंद्र सहवाग के कंधों पर आ गई. यह भारत की खुशकिस्मती ही कही जाएगी कि युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने यह भूमिका ऐसे निभाई, जो शायद उनके कट्टर समर्थकों की उम्मीद से भी ज्यादा थी. युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट में 9 मैचों की 8 पारियों में 362 रन बनाए और 15 विकेट भी झटके. उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ तीन गेंदबाज ले सके थे. बल्लेबाजी में सिर्फ सात नाम युवराज से ऊपर थे. 


 


हार्दिक पांड्या ने आईपीएल-12 में 16 मैच खेलकर 14 विकेट लिए और 402 रन भी बनाए. (फोटो: PTI) 

अब हार्दिक पांड्या से उम्मीद
विश्व कप के इतिहास को देखते हुए भारत इस बार सबसे ज्यादा उम्मीद हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) से कर रहा होगा. वे टीम में एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका कोई विकल्प नहीं दिखता. वे छठे-सातवें नंबर पर विस्फोटक बल्लेबाजी कर सकते हैं. इसके अलावा अगर लय में रहे तो हर मैच में 10 ओवर का स्पेल डाल सकते हैं. हाल ही में मुंबई इंडियंस ने आईपीएल का खिताब चौथी बार जीता है. इसमें कोई शक नहीं कि उसकी खिताबी जीत में सबसे बड़ा योगदान हार्दिक पांड्या का था. उन्होंने इस टी20 लीग में 16 मैच खेलकर 14 विकेट लिए और 402 रन भी बनाए. बल्लेबाजी में उनका स्ट्राइक रेट 191.42 था, जो सिर्फ आंद्रे रसेल (204.81) से कम था.