Ram Gopal Mishra wife Dolly demand in Bahraich Violence: बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए युवक की पत्नी ने दावा किया है कि परिवार को मांग के अनुरूप न्याय नहीं मिल रहा. सोशल मीडिया पर गुरुवार को वायरल हुए एक वीडियो में मृतक राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने कहा, "मैं राम गोपाल मिश्रा की पत्नी हूं, जिनकी चार दिन पहले हत्या कर दी गई थी. हम न्याय की मांग कर रहे हैं, जो हमें नहीं मिल रहा. प्रशासन हमें न्याय नहीं दिला पा रहा.'


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'वे पकड़े जरूर गए लेकिन मारे नहीं गए'


रोली ने कहा, 'उन्होंने (पुलिस) रिश्वत ली है. वे (दोषी) पकड़े जरूर गए हैं, लेकिन मारे नहीं गए हैं. पुलिस और प्रशासन हमारे साथ अन्याय कर रहे हैं. हमें वह नहीं मिल रहा जो हम चाहते हैं." इससे पहले, रोली ने बहराइच हिंसा के दोषियों के लिए "मौत" की सजा की मांग की थी. हिंसा के बाद जब रोली से पूछा गया कि वह दोषियों के लिए क्या सजा चाहती हैं, तो उन्होंने कहा, "हम उनकी मौत चाहते हैं." 


इस बीच, मृतक के पिता कैलाश नाथ मिश्रा ने शुक्रवार शाम पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जिस तरह उनके बेटे की मौत हुई, उसी तरह आरोपी को मारा जाए. मिश्रा ने कहा, 'उन्होंने (मुख्यमंत्री) हमें घर बनाने के लिए पैसा, बहू को नौकरी, नकद धनराशि, आयुष्मान कार्ड देने का वादा किया है. लेकिन हमारी मांग है कि जिस तरह हमारा लड़का मारा गया, उसकी (अभियुक्त) भी उसी प्रकार दुर्गति होनी चाहिए.'


आरोपियों के घर पर चलेगा बुलडोजर?


उधर, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने महाराजगंज गांव में नामजद आरोपी अब्दुल हमीद के मकान समेत करीब 20-25 घरों की पहचान की है और उनके अवैध होने व अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है. नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, 'हर साल सड़क के चौराहों या जंक्शन बिंदुओं पर बने ऐसे घरों को ध्वस्त करने की नियमित कार्रवाई की जाती है, जो जिनकी वजह से सड़क पर बाधा उत्पन्न होती है. महाराजगंज में ऐसे 20-25 अवैध मकानों की पहचान की गई, जिन्हें हम सड़क नियंत्रण अधिनियम 1964 के तहत नोटिस जारी करेंगे.'


हमीद के घर पर चिपकाए गए नोटिस में लिखा है, 'आपको सूचित किया जाता है कि कुन्थासार महसी नानपारा मार्ग को प्रमुख जिला मार्ग की श्रेणी में रखा गया है. विभागीय मानकों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के केंद्रीय बिंदु से 60 फुट के अंदर बिना विभागीय पूर्व अनुमति के कोई भी निर्माण अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है. अतः आपको सूचित किया जाता है कि यदि यह निर्माण कार्य बहराइच के जिलाधिकारी अथवा संबंधित विभाग की पूर्वानुमति से कराया गया है तो कृपया स्वीकृति की मूल प्रति तत्काल उपलब्ध कराएं. आपसे तीन दिन में उक्त अवैध निर्माण को हटाने का भी अनुरोध है, अन्यथा पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से अवैध निर्माण को हटाया जाएगा तथा इस कार्रवाई पर होने वाले व्यय की वसूली आपसे की जाएगी.” 


'एक एक्शन के बाद अब दूसरे की बारी'


इस बीच, महसी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह ने शुक्रवार को मुख्य आरोपी के आवास पर लोक निर्माण विभाग द्वारा लगाए गए नोटिस की प्रति साझा करते हुए गुरुवार तक पुलिस से मुठभेड़ में दो आरोपी घायल हुए हैं तथा कुल छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. शेष आरोपी व उनकी मदद करने वाले भी जल्द पकड़े जाएंगे. 


उन्होंने पीडब्‍लूडी की नोटिस का हवाला देते हुए कहा, 'एक कार्यवाही के बाद अब दूसरी कार्यवाही की बारी है. मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के अवैध मकान पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा कर दिया है, बहुत जल्द अगली कार्रवाई होगी.' सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का भरोसा दिया है और किसी भी दोषी को किसी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले में पांच संदिग्धों को बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. 


बहराइच में कैसे भड़की थी हिंसा?


बताते चलें कि बहराइच जिले की महसी तहसील के महाराजगंज में रविवार को दुर्गा पूजा शोभायात्रा के दौरान धार्मिक स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान वहां से गुजर रहे समूह में शामिल एक स्थानीय युवक राम गोपाल मिश्रा (22) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई. भीड़ ने कई घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. 


इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद ने मामले में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘बहराइच में हिंसा के बाद मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई हो रही है. गांव में मुस्लिम युवकों की एकतरफा गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं, जबकि एक मुस्लिम के घर में घुसकर उसकी पिटाई करने और घर की छत पर भगवा झंडा फहराने वाले असली अपराधी उत्पात में लगे हुए हैं. पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है.’ मदनी ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.’


(एजेंसी भाषा)