Tantrik arrest in Bharatpur: दिल्ली से सिर्फ 220 किलोमीटर दूर. राजस्थान का भरतपुर जिला. यहां पहाड़पुर गांव के श्मशान में चिता जल रही थी. आखिर ये किसकी चिता थी ? और वो चार तांत्रिक.अचानक कैसे उस श्मशान में जलती चिता के पास पहुंच गए ? ये चिता सुंदर नाम के एक स्थानीय व्यक्ति की थी.जिसकी मौत 28 जुलाई को फेफड़े से जुड़ी बीमारी सिलिकोसिस की वजह से हुई थी. शव का अंतिम संस्कार करने के बाद लोग अपने-अपने घर लौट गए. लेकिन रिश्ते में सुंदर का साला कैलाशी श्मशान से थोड़ी दूरी पर एक पेड़ के नीचे सर झुकाकर बैठा रहा. कुछ ही देर बाद उसने जलती चिता की तरफ देखा. उसे कुछ लोग चिता के पास अजीब हरकतें करते दिखे. वो वहां से उठकर चिता की ओर जाने लगे.


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उसे कुछ ऐसी तस्वीर दिखी. चार तांत्रिक चिता के पास तंत्र-मंत्र का चक्रव्यूह तैयार कर रहे थे. वो जलते शव के अंग उधेड़ रहे थे. कुछ ही देर में इन तांत्रिकों ने धारदार हथियार से एक मुर्गे की बलि दे दी. कैलीशी ने ये भी देखा कि तांत्रिकों ने नींबू काटे. अगरबत्ती जलाई और वहां रखी मटकी को जमीन पर पटककर फोड़ दिया. कैलाशी उस वक्त अकेले थे और तांत्रिक चार. वो डर भी रहे थे लेकिन फिर भी हिम्मत दिखाकर उन्होंने तांत्रिकों को रोकने की कोशिश की. लेकिन चारों तांत्रिक भड़क गए. तांत्रिकों की टोली कैलाशी पर टूट पड़ी.


एक तांत्रिक के हाथ में चाकू था. और उसने चाकू से हमला करना चाहा. किसी तरह कैलाशी वहां से भागने लगे. लेकिन भागते वक्त उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया आस-पास जिन लोगों ने आवाज़ सुनी. वो कैलाशी को बचाने के लिए दौड़े. भीड़ को अपनी तरफ आते देख. चारों तांत्रिक भागने लगे. तीन तांत्रिक भाग निकले लेकिन चौथा पकड़ा गया. गांववालों ने तांत्रिक को पुलिस के हवाले कर दिया.


जिले के रूपवास थाने के हेड कॉन्स्टेबल बच्चू सिंह ने कहा कि एक तांत्रिक ऐसा कर रहा था. गांववालों ने उसे पकड़ा. अब आगे की जांच जारी है. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी तांत्रिक पास के ही खानुआ गांव के रहने वाले थे. जिन्हें सुंदर के अंतिम संस्कार के बारे में पहले से खबर थी. इसीलिए गांववालों के घर लौटते ही तांत्रिक श्मशान पहुंच गए. लेकिन तंत्र साधना के इस चक्रव्यूह में वो खुद इस तरह फंस जाएंगे, ये उन्होंने सोचा नहीं होगा । 


(इनपुट: देवेंद्र सिंह, ज़ी मीडिया, भरतपुर)