SI Arrested in drugs dealing: अपराध चाहे कितनी ही सावधानी से किया जाए, गुनहगार कानूनी शिकंजे में फंस ही जाता है. खुद पुलिसवाले कहते हैं कि परफेक्ट क्राइम जैसा कुछ भी नहीं होता. लेकिन जब कोई पुलिसवाला गुनाह करता है तो मामला संगीन हो जाता है. यहां पर बात दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात उस सब इंसपेक्टर (SI) की जिसने अपने महकमे को शर्मसार कर दिया. जिस पुलिसवाले के पास नशे के सौदागरों को जेल भेजकर तस्करी रोकने की जिम्मेदारी थी, वो खुद नशे का इंटरस्टेट रैकेट चला रहा था. आरोपी फंसा तो सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन वो कोर्ट से फरार हो गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दक्षिण अफ्रीका फरार होने की खबर


टीओआई की खबर के मुताबिक जिस सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया है, उसका नाम नरेश कुमार है. बताया जा रहा है कि वो देश छोड़कर फरार हो गया है. इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के हिसाब से निलंबित एसआई  की करेंट लोकेशन दक्षिण अफ्रीका में मिल रही है. बताया जा रहा है कि वो नेपाल और सीरिया होते हुए दक्षिण अफ्रीका पहुंचा.


कैसे फंसा शातिर पुलिसवाला?


सूत्रों ने बताया कि आरोपी इतना शातिर था कि माल की खेप लेने खुद जाता था. पूरा एहतियात बरतता था. लेकिन CCTV फुटेज से फंस गया. नए साल की पार्टी के अगले दिन यानी दो जनवरी को एंटी नारकोटिक्स सेल ने सिद्धार्थ नगर, सनलाइट कॉलानी से नाबालिग समेत 2 लोगों को दबोचा था. आरोपियों के पास गांजा मिला था. पुलिस ने पकड़ा, कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए रिमांड मांगी. तभी एक आरोपी ने कुछ कहने की इजाजत मांगी.


पूछताछ में उसने बताया कि नशे का सामान उसका नहीं बल्कि क्राइम ब्रांच में तैनात एसआई नरेश कुमार का है. जिसने सिद्धार्थ नगर में नशे की छोटी-छोटी कंसाइनमेंट तैयार कराने के लिए किराए पर फ्लैट ले रखा है. वहीं नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों और ओडिशा-बिहार से लाया गया ड्रग्स और नशे का सामान रखा जाता था. आरोपी की कोर्ट में पेशी के दौरान एसआई मौके पर मौजूद था. लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया.


जांच में पुलिस को उसके खिलाफ कई सबूत मिले तो उसे सस्पेंड कर दिया गया.


पहले भी शर्मसार हुई खाकी


इस मामले ने 2017 के उस केस की याद दिला दी, जब क्राइम ब्रांच के अफसर असलुप खान को केरल में ATM लूट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बीते कुछ साल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. हाल ही में सीबीआई ने दिल्ली में घरों के निर्माण की अनुमति देने के लिए घूस लेने के आरोप में नंद नगरी पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया था. वहीं जामिया नगर थाने में तैनात पुलिसकर्मी को एक केस में गिरफ्तारी न करने के लिए घूस मांगने के आरोप में अरेस्ट किया गया था. सागरपुर थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी को 1 लाख की घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.