ISIS Aligarh Module: आईएसआईएस (ISIS) का भारत प्रमुख हरीश फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारूकी पकड़ा जा चुका है. उसे पूर्वोत्तर के राज्य असम में दबोचा गया. अब पता चला है कि हरीश फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारूकी के इशारे पर ही आतंकी संगठन ISIS का अलीगढ़ माड्यूल तैयार किया गया था. सूत्रों के अनुसार, हरीश अजमल फारूकी आईएसआईएस के अलीगढ़ माड्यूल के सक्रिय सदस्यों के साथ WhatsApp ग्रुप पर भी जुड़ा था. ISIS नेटवर्क को बढ़ाने के लिए ही एएमयू के छात्र संगठन स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (SAMU) का गठन किया गया था, जिसके जरिए एएमयू के मौजूदा और पूर्व छात्रों को एक WhatsApp ग्रुप से भी जोड़ा गया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

AMU छात्रों को कैसे बरगलाया?


सूत्रों के मुताबिक, स्टूडेंस ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (SAMU) के WhatsApp ग्रुप से आईएसआईएस का भारत प्रमुख हरीश अजमल फारूकी भी जुड़ा हुआ था. यूपी एटीएस ने इस ग्रुप से जिहादी साहित्य भी बरामद किया है जो हरीश अजमल फारूकी ने युवाओं के ब्रेनवॉश के लिए भेजा था. छात्रों के मोबाइल पर कट्टरपंथी साहित्य की कॉपी भेजी गई.


ये भी पढ़ें- कहां से आई नफरत? हरीश बना हैरिस.. अनुराग हुआ रेहान, ISIS के आतंकियों का कच्चा चिट्ठा


शरिया लागू करने की चाहत


जानकारी के अनुसार, आईएसआईएस का भारत प्रमुख हरीश अजमल फारूकी ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़कर यहां शरिया कानून स्थापित करने के कई मैसेज इस WhatsApp ग्रुप में भेजे थे. हरीश अजमल फारूकी ने ही SAMU के अन्य सदस्यों को जिहाद के लिए बैयत यानी कसम दिलाई थी. ग्रुप के जरिए वह जिहादी साहित्य बांट रहा था और अपने संगठन का विस्तार कर रहा था.


ये भी पढ़ें- वैलेंटाइन डे विरोध की आड़ में आईएसआईएस की बड़ी साजिश नाकाम,अलीगढ़ में पकड़ा मॉड्यूल


ISIS मॉड्यूल की कहानी


गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में एटीएस ने ISIS से जुड़े फैजान बख्तियार नाम के एक आतंकी को गिरफ्तार किया था. जिसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम था. फैजान बख्तियार ने एएमयू में मास्टर ऑफ सोशल वर्क की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था. एटीएस की पूछताछ में फैजान बख्तियार ने बताया था कि वह ISIS के अलीगढ़ मॉड्यूल से लोगों को जोड़ने का काम कर रहा था. फैजान से पहले भी एटीएस की टीम ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था.


फैजान बख्तियार का नाम पहली बार तब चर्चा में आया था जब नवंबर, 2023 में अलीगढ़ से अब्दुल्ला अरसलान और माज बिन तारिक को अरेस्ट किया गया था. उनके पास से भी कट्टरपंथी साहित्य बरामद हुआ था. खबर मिली थी कि कुछ कट्टरपंथी ISIS के प्रभाव में आकर राष्ट्र विरोधी एक्टिविटीज में शामिल हो रहे हैं.