Triple Murder Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में जमीन की पैमाइश को लेकर हुए विवाद के बाद मां, बेटे समेत तीन लोगों की हत्या के मामले का मात्र 36 घंटे में खुलासा करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी सिराज अहमद, उसके बेटे फराज अहमद और सहयोगी अशर्फी लाल को गिरफ्तार कर लिया है. हत्यारों के पास से एक डबल बैरल लाइसेंसी गन बरामद हुई है. डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने कहा कि तिहरे हत्याकांड से सनसनी फैल गई थी. आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की करवाई करके उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी. साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.


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असल में डीसीपी पश्चिम ने बताया कि मलिहाबाद के मोहम्मदनगर में जमीन के सीमांकन और पैमाइश को लेकर सिराज और फरीद में विवाद चल रहा था. 2 फरवरी को लेखपाल ने पैमाइश के लिए सभी पक्षों को नोटिस देकर बुलाया था. पैमाइश के दौरान विवाद के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई तो सभी पक्ष वापस चले गए. थोड़ी देर बाद सिराज अहमद उर्फ लल्लन अपने बेटे फराज के साथ काले रंग की था. गाड़ी से ड्राइवर अशरफी लाल और फुरकान को लेकर फरीद के घर पहुंचा जहां दोनों पक्षों में झगड़ा और गाली गलौज होने लगी. 


लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर हत्या
सिराज ने लाइसेंसी राइफल से फरीद खान के बेटे हंजला खान के सर पर गोली मारकर हत्या कर दी. बीच बचाव करने आए फरीद खान के चचेरे भाई मुनीर उर्फ ताज को भी उसने सिर में गोली मार दी. इसी दौरान सिराज के बेटे फराज ने फरीद की पत्नी फरहीन को भी गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. इस सनसनीखेज हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई थीं. पुलिस को जानकारी मिली कि सिराज का बेटा पोलैंड में रहता है. उसके पास पासपोर्ट और पोलैंड का वीजा भी है. 


विदेशी कनेक्शन भी?
आशंका है कि सिराज और फराज पोलैंड भाग सकते हैं. पुलिस ने सभी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सिराज और फराज के फोटो भेज कर उन्हें पकड़ने के निर्देश जारी किए. ये भी पता चला कि लखनऊ और मुरादाबाद के कुछ परिचितों के माध्यम से सिराज और फराज उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भाग सकते हैं. पुलिस ने नेपाल सीमा पर एसएसबी के माध्यम से अलर्ट जारी कराया. पुलिस की चौतरफा घेराबंदी के दबाव में सिराज और उसका बेटा फराज मुरादाबाद में अपने एक परिचित के घर चले गए. मामले में नेपाल कनेक्शन की बात कही गई है. इसकी जांच की जाएगी.


पुलिस टीम मुरादाबाद पहुंची लेकिन वहां दोनों नहीं मिले. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मजबूत घेराबंदी देखकर सिराज और फ़राज़ ने लखनऊ आकार कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी की. दोनों आज सुबह लखनऊ पहुंचे जहां घेराबंदी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अशर्फीलाल को पुलिस कल ही गिरफ्तार कर चुकी थी. सिराज अहमद के खिलाफ लखनऊ के मलिहाबाद, चौक, काकोरी, वजीरगंज थाने के अलावा हरदोई के बेहटागोकुल थाना में कुल 18 मुकदमे दर्ज हैं. उसके बेटे फराज अहमद के खिलाफ मलिहाबाद थाने में एक मुकदमा दर्ज है. 


डबल बैरल गन का लाइसेंस
सिराज अहमद के पास दो शस्त्र लाइसेंस थे जिसमें से एक डबल बैरल गन का लाइसेंस लखनऊ के हसनगंज थाना से 1980 में बनाया गया था. एक एनपी बोर राइफल का लाइसेंस मलिहाबाद से 1979 में बनाया गया था. अपराधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते 1992 में डीएम लखनऊ ने उसका शस्त्र लाइसेंस निलंबित किया था. डीएम के आदेश के विरोध में सिराज ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की. 1994 में हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी के आदेश को स्थगित करते हुए सिराज का शस्त्र लाइसेंस बहाल कर दिया था.