DNA: स्कूल या पैसे छापने की मशीन! 11 प्राइवेट स्कूलों का नेक्सस डिकोड
आज के समय में शिक्षा एक कारोबार है. और ये कारोबार देश भर के निजी स्कूलों में खुब फलफूल रहा है. निजी स्कूल कभी फीस को लेकर तो कभी किताबों को लेकर मनमानी करते है.
Jabalpur: आज के समय में शिक्षा एक कारोबार है. और ये कारोबार देश भर के निजी स्कूलों में खुब फलफूल रहा है. निजी स्कूल कभी फीस को लेकर तो कभी किताबों को लेकर मनमानी करते है. मध्य प्रदेश के जबलपुर में कुछ नामी निजी स्कूल, बच्चों के माता पिता को कभी फीस के नाम पर तो कभी किताबों के नाम पर लंबे समय से लूट रहे थे.
11 प्राइवेट स्कूल के 20 लोग गिरफ्तार
जिसको लेकर प्रशासन को कई दिनों से शिकायत मिल रही थी. ये लोग एक गिरोह की तरह काम करते थे. जिसके बाद जबलपुर प्रशासन ने शिक्षा माफिया की कमर तोड़ने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू किया था. जबलपुर प्रशासन ने एक अभियान छेड़कर 11 निजी स्कूलों के 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. 11 प्राइवेट स्कूलों ने किताब, यूनिफॉर्म के साथ अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली थी
लगाया 22 लाख रुपये का जुर्माना
इन सभी निजी स्कूलों पर 81 करोड़ 30 लाख रुपये से ज्यादा अवैध फीस वसूली का आरोप है. इन स्कूलों पर जबलपुर जिला प्रशासन ने 22 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. 81 करोड़ 30 लाख की अवैध फीस वसूली.... इसी से समझा जा सकता है कि ये निजी स्कूल किस तरह से अभिभावकों को लूट रहे थे. जिन 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें स्कूल संचालक, प्रिंसिपल के साथ book sellers, Publisher और distributor शामिल हैं. जिला प्रशासन ने पिछले 50 दिनों से प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन छेड़ रखा था.
81 करोड़ रुपये की फीस पैरेंट्स को लौटानी होगी
इनमें ज्यादातर ऐसे स्कूल है जिनकी सालाना फीस लाखों में है. अभिभावकों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने स्कूलों का ऑडिट करवाया था...जिसमें पता चला कि इन निजी स्कूलों, दुकानदारों और किताब छापने वालों की कड़ियां एक दूसरे से जुड़ी हुई है और ये एक नेक्सस की तरह काम कर रहे है. जिसके बाद इस पुरे नेक्सस का खुलासा हुआ है. अब जबलपुर के स्कूलों को 81 करोड़ रुपए की फीस अभिभावकों को लौटानी होगी. जिससे अभिभावकों को भी बड़ी राहत मिलेगी.