Madhya Pradesh Ratlam News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक अवैध मदरसे में लड़कियों के कमरे में कैमरा लगा हुआ पाया गया. शिकायत मिलने पर बाल आयोग के सदस्य निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान कमरे में कैमरे का पता चला. मदरसे में दूसरे राज्यों की लड़कियों को वहां रखा जा रहा था. इन लड़कियों को स्कूल तक नहीं भेजा जा रहा था. इस पूरे मामले में प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है.


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डीवीआर जब्त करने का दिया था निर्देश


अवैध मदरसे के निरीक्षण के बाद बाल आयोग सदस्य ने कैमरे की रिकॉर्डिंग के लिए डीवीआर जब्त करने का तत्काल निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है.हालांकि इस मामले में आयोग की ओर से प्रशासन को नोटिस भेजना बाकी है. वहीं रतलाम जिले की एसडीएम ने तो तब हद कर दी जब मौके पर पहुंचकर मदरसे की प्रवक्ता की तरह बयान देकर मदरसे को क्लीनचिट दे दी. 


बाल आयोग के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में प्रशासन को नोटिस जारी कर रहे हैं. साथ ही बाल अधिकार क़ानूनों पर इन एसडीएम को प्रशिक्षण दिये के लिए भी सरकार को अनुशंसा कर रहे हैं. 


स्कूलों में कराया जाएगा लड़कियों का एडमिशन


रतलाम में ज़ी मीडिया की खबर के बाद जिलाधिकारी राजेश प्रथम मदरसे में पहुंचे और स्कूली शिक्षा से वंचित 43 बच्चियों का एडमिशन स्कूल में करवाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही रतलाम में सक्रिय 5 मदरसों की जांच के भी जिला प्रशासन ने आदेश दिए हैं. मदरसा संचालकों से पूछा जाएगा कि उन्हें शिक्षा से वंचित क्यों रखा गया. 


एसडीएम ने मदरसे को दे दी थी क्लीनचिट


बताते चलें कि इससे पहले आयोग की महिला सदस्य ने मदरसे का दौरा कर वहां लगा डीवीआर तुरंत जब्त करने का निर्देश दिया था. लेकिन एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी जांच में मदरसे को क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पोस्ट करके इस पर आपत्ति जताई थी और प्रशासन को एक्शन लेने का निर्देश दिया था.