West Bengal Job Scam: पश्चिम बंगाल नगरपालिका से जुड़े नौकरी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल की 15 विभिन्न नगर पालिकाओं में 1,814 अवैध भर्तियों की पहचान की है. ये सभी भर्तियां 2014 से आउटसोर्स की गई एजेंसी एबीएस इन्फोजोन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से की गई थीं, जिसका स्वामित्व निजी प्रमोटर अयान सिल के पास था. वह स्कूल की नौकरी के लिए करोड़ों रुपये की नकदी मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कुल 17 नगर पालिकाएं सीबीआई (CBI) जांच के दायरे में हैं.


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शहरी नगर निकायों में अवैध भर्तियों की पहचान


बंगाल के इस रिक्रूटमेंट स्कैम की बात करें तो केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के अफसरों ने 15 शहरी नगर निकायों में अवैध भर्तियों की पहचान की है. जांच का काम पूरा हुआ है या नहीं इसे लेकर उत्तर 24 परगना जिले में पानीहाटी और टाकी नगरपालिकाओं में CBI अवैध भर्ती के एक भी मामले का पता नहीं लगा पाई है. वहीं सूत्रों ने ये भी बताया है कि CBI ने हाल ही में कोलकाता की एक स्पेशल कोर्ट में इस संबंध में ब्यौरा प्रस्तुत किया है कि 15 नगर पालिकाओं में से अनियमित भर्तियों की संख्या दक्षिण दमदम नगर पालिका में सबसे अधिक रही. यहां से 329 भर्तियां की गईं.


ऐसे ही मामले में ED ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी (पूर्व शिक्षा मंत्री) को 23 जुलाई 2022 को अरेस्ट किया था. इसके बाद उनकी करीबी मॉडल अर्पिता मुखर्जी के घर पर पड़े छापे में 49 करोड़ रुपए कैश और ज्वेलरी मिली थीं. ED ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी.  कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को झटका देते हुए शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है. उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट में पहुंचा था तो ममता सरकार को फौरी राहत मिली थी.


(इनपुट: IANS)