Kolkata  doctor rape murder case: कोलकाता के जिस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बेटी की रेप के बाद हत्या कर दी गई, वहां धारा 163 (Section 163) लागू कर दी गई है. इस निषेधाज्ञा के तहत अब संबंधित इलाके में  24 अगस्त तक किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर करने पर रोक रहेगी. इसी तरह अब पांच से ज्यादा लोग भी एक साथ नहीं निकल सकेंगे. यानी भीड़ पर रोक लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है.


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भारतीय न्याय संहिता की धारा 163


कोलकाता पुलिस ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी है. शनिवार से लेकर 24 अगस्त देर रात के लिए इस को लागू किया गया है. आपको बताते चलें कि यही धारा आईपीसी (इंडियन पीनल कोड) के जमाने में पहले दफा 144 के नाम से जानी जाती थी. अब भीड़ के जमावड़े को रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने आरजी कर अस्पताल परिसर और आसपास धारा 163 को लागू करते हुए 5 से ज्यादा लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही हथियार लेकर जाने पर भी रोक लग गई है. वहीं तनाव पैदा करने वाली किसी भी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.


क्या था पूरा मामला?


दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी. डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के विरोध के बीच 14 अगस्त की देर रात अस्पताल में अचानक सैकड़ों की भीड़ घुस गई और तोड़फोड़ की थी. 


कोलकाता की डॉक्टर बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए अब टीएमसी के नेता भी सामने आ रहे हैं. माना जा रहा है कि कुछ नेता आरजी कर अस्पताल में हुई हत्या और हमले को लेकर अपनी ही TMC सरकार के रुख से खफा है. इस बीच राज्यसभा के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय (Sukhendu Sekhar Roy) ने अपनी पार्टी से अलग लाइन लेते हुए मामले में इंसाफ होने तक चुप नहीं बैठने की बात कही है.