Digital Arrest Agra Case: आगरा में डिजिटल अरेस्ट का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. आरोपियों ने एक महिला टीचर को बंधक बनाकर उसे धमकी दी. धमकी सुनते ही टीचर ने दम तोड़ दिया. आरोपियों ने टीचर से कहा था कि उसकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है. इतना सुनते ही टीचर को हार्ट अटैक आया और उसकी जान चली गई. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है. 


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डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई टीचर


डिजिटल अरेस्ट का यह हैरान कर देने वाला मामला आगरा के सुभाष नगर में सामने आया है. डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई टीचर मालती वर्मा अछनेरा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत थीं. घटना 30 सितंबर की है जब आरोपियों ने उन्हें कॉल किया. 30 सितंबर को जब वे स्कूल में पढ़ा रहीं थीं तब उनके मोबाइल पर कॉल आई.


आपकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है..


जिस नंबर से कॉल आई थी, उस पर पुलिस की वर्दी में फोटो लगा था. कॉल करने वाले ने टीचर से कहा कि आपकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है. उसे पकड़ा गया है लेकिन उसपर अभी तक कोई मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है. बेटी और परिवार को बदनामी से बचाना चाहती हो तो एक लाख रुपये दे दो. नहीं तो बेटी की फोटो वायरल कर देंगे.


दिल का दौरा पड़ा और हो गई मौत


बेटी के सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की खबर मिलते ही टीचर अवाक रह गई. वो बदनामी की बात झेल नहीं पाईं और उसी वक्त ने उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. दिल का दौरा पड़ते ही उनकी जान चली गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है, आरोपियों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.


साइबर अपराध का एक नया तरीका


डिजिटल अरेस्ट एक तरह का साइबर फ्रॉड है जिसमें अपराधी लोगों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं. वे खुद को पुलिस, सीबीआई, ईडी, कस्टम या इनकम टैक्स अधिकारी बताते हैं और लोगों को वीडियो कॉल करके झूठे आरोप लगाते हैं.


अपराधी कैसे बनाते हैं डिजिटल अरेस्ट का शिकार?


अपराधी वीडियो कॉल करते हैं और खुद को सरकारी अधिकारी बताते हैं. वे अपने शिकार पर किसी गंभीर अपराध में शामिल होने का आरोप लगाते हैं. वे जिसे भी कॉल करते हैं उनपर गिरफ्तारी और जेल का डर बनाते हैं. और इससे बचने के लिए मोटी रकम की डिमांड करते हैं. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें देखा गया है कि  अपराधियों की धमकियों से लोग डर जाते हैं और पैसे दे देते हैं. कई लोग इस तरह के फ्रॉड के बारे में नहीं जानते हैं.


बिना कुछ सोचे-समझे फोन काट दें


अंजान लोगों के मन में पहला ख्याल बचने का आता है और वे मुसीबत टालने के लिए पैसा दे देते हैं. लोग सोचते हैं कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ऐसे में आपको यह समझना होगा कि अगर कभी भी आपके पास किसी अंजान नंबर से कॉल आए और आपको गिरफ्तारी की धमकी दी जाए तो घबराएं नहीं. आपको बिना कुछ सोचे-समझे फोन काट देना है.


न पैसा दें ना ही अकाउंट की डिटेल


ज्यादातर ऐसी वीडियो कॉल पुलिस अधिकारी के नाम से आती है और प्रोफाइल फोटो में पुलिस वाले की तस्वीर लगी हो सकती है या फिर पुलिस का लोगो भी हो सकता है. अगर आपको लगता है कि आप इस फ्रॉड का शिकार हुए हैं तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें. अपने बैंक अकाउंट की जानकारी न दें.. पैसा भी ट्रांसफर न करें. यहां आपको यह जान लेना चाहिए कि पुलिस कभी भी फोन पर आपसे पैसा नहीं मांग सकती. यह समझना बेहद जरूरी है कि डिजिटल अरेस्ट एक गंभीर अपराध है और इससे बचने के लिए जागरूकता जरूरी है.