NEET MBBS Counselling: एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए बहुत जरूरी सूचना है. दरअसल, नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेग्युलेशन के नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार किया है. इन बदले हुए नियमों के मुताबिक अब एमबीबीएस (MBBS) में एडमिशन के लिए होने वाली काउंसलिंग (NEET MBBS Counselling) में स्टूडेंट्स को अपना पसंदीदा कॉलेज का सिलेक्शन करने के लिए केवल एक ही मौका मिलेगा. हालांकि, इस मामले पर एनएमसी ने अलग-अलग पक्षों की राय आमंत्रित की है. जानकारी के मुताबिक इस फैसले के पीछे का कारण एमबीबीएस की ज्यादा से ज्यादा सीटों को भरना है. 


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इतनी सीटें रह गई थीं खाली
गौरतलब है कि लास्ट ईयर तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद भी राउंड 1, राउंड 2 और मॉप-अप राउंड में बहुत सी सीटें फुल नहीं हुई थीं. इसमें एमबीबीएस की 4,299 सीटें, बीडीएस की 1,280 और बीएससी नर्सिंग की 352 सीटें खाली रह गई थीं. 


अनिवार्य होगी इंग्लिश
एक ओर मध्य प्रदेश और अन्य राज्य हिंदी भाषा में मेडिकल एजुकेशन को बढ़ावा देने की भरसक कोशिश में लगे हैं. वहीं, नेशनल मेडिकल काउंसिल ने इस ड्राफ्ट में लैंग्वेज को लेकर किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया है. आयोग ने मेडिकल एजुकेशन के लिए इंग्लिश की अनिवार्यता को खत्म नहीं किया है. 


विशेष परिस्थिति में ही करा सकेंगे ट्रांसफर
आपको बता दें कि नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा तैयार किए गए नए ड्राफ्ट के मुताबिक किसी विशेष परिस्थिति में ही कोई स्टूडेंट अपना ट्रांसफर करा सकेंगे. अब स्टूडेंट्स गवर्मनेंट मेडिकल कॉलेज से गवर्मनेंट मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट कॉलेज से प्राइवेट कॉलेज में ही ट्रांसफर करा सकेंगे.


टाई ब्रेकिंग पॉलिसी में हुआ ये बदलाव
वही, एक जैसे मार्क्स हासिल करने पर होने वाली टाई ब्रेकिंग पॉलिसी के अनुसार ही रैंक दी जाएगी. नए ड्राफ्ट के मुताबिक दो स्टूडेंट के समान अंक प्राप्त करने पर उनके बायोलॉजी, फिजिक्स और केमेस्ट्री में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर उन्हें रैंक दी जाएगी.