Educational Fraud: अगर आप अपने बच्चों का  एडमिशन कक्षा 9वीं या 11वीं में करा रहे हैं तो स्कूल के किस क्लास तक की मान्यता है ये जरूर जांच लें. वरना आप बड़ी जालसाजी का शिकार हो सकते हैं. अगर आप ग्रामीण परिवेश से आते हैं, तो स्कूल के बारे में जानकारी जुटाना और भी जरूरी हो जाता है. इससे बच्चे का साल तो बर्बाद होगा ही, भविष्य भी अंधकारमय हो सकता है.


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ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड राज्य के खटीमा से सामने आया है, जहां 10वीं तक की मान्यता प्राप्त स्कूल में 12वीं के स्टूडेंट्स पढ़ रहे थे. इस बात का खुलासा तब हुआ जब एसडीएम खटीमा छापेमारी करने पहुंचे. आइए बताते हैं पूरा मामला. 


3 टीचर स्कूल से थे नदारद
दरअसल, उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले में स्थित खटीमा में आज राजकीय प्राथमिक विद्यालय नौगंवा नाथ अंजनिया और एक निजी स्कूल में एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने छापेमारी की. इस दौरान सरकारी स्कूल के 3 टीचर्स अनुपस्थित थे. मध्याह्न भोजन में भारी अनियमितता पाई गई. रजिस्टर भी मेंटेन नहीं किया गया था. शौचालयों में ताला लगा था, साफ सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं पाई गई. 


स्कूलों में पाई गई भारी अनियमितता 
सरकारी विद्यालय में बिना छुट्टी लिए तीन शिक्षक अनुपस्थित मिले. एसडीएम ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट भेजने के लिए निर्देश दिए हैं. वहीं, एक सरकारी टीचर की किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने की शिकायत पर उस प्राइवेट स्कूल में भी छापा मारा गया, तो वहां भी भारी अनियमितता पाई गई. छापामारी के दौरान अलग-अलग कक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए. 


10वीं तक की मान्यता वाले स्कूल में पढ़ रहे 12वीं के बच्चे 
इस छापामारी के दौरान हैरान करने वाली बात तो यह है कि कक्षा 10 तक की मान्यता वाले स्कूल में 12वीं क्लास तक के बच्चे पढ़ते हुए पाए गए. फिर क्या था एसडीएम ने सारा रिकॉर्ड जब्त कर लिए. इस दौरान एसडीएम ने बच्चों से बातचीत करते हुए उन्हें पढ़ाया और उनके ज्ञान का आंकलन भी किया.


एसडीएम ने जब्त किए सारे रिकॉर्ड 
इस मामले में एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि छापामारी के दौरान सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में भारी अनियमितता पाई गई. शिक्षक अनुपस्थित मिले, साफ-सफाई और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था ठीक नहीं थी. वहीं, स्कूलों में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब मिले. उन्होंने कहा कि सारे रिकॉर्ड जब्त कर खंड शिक्षा अधिकारी को तलब किया गया है. मामले की दोबारा जांच कर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी.