Fitness Trainer Skills: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिजी लाइफ स्टाइल में लोग प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में उन्हें कम उम्र में ही कई गंभीर बीमारियां जकड़ लेती हैं. वहीं, वक्त रहते लोग ना तो अपनी हेल्थ पर ध्यान देते हैं और ना बीमारी के इलाज के प्रति इतने गंभीर नजर आते हैं. परिणाम छोटा रोग बड़ी बीमारी में तब्दील हो जाता है. हालांकि, कोरोना महामारी के बाद लोग फिटनेस फ्रीक हुए हैं. ऐसे में इस फील्ड में आपके लिए भी करियर के ऑप्शन बढ़े हैं.


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फिटनेस ट्रेनर के तौर पर बनाएं बेहतरीन करियर 
कोविड के समय में लॉकडाउन में घर में रहने के बाद लोगों में अपनी हेल्थ के प्रति जागरूकता बढ़ी है. जिसका असर यह देखा गया कि लॉकडाउन खुलते ही पहले की अपेक्षा लोगों ने ज्यादा संख्या में जिम या योगा ट्रेनिंग क्लासेस जॉइन की. ऐसे में कुछ सालों में फिटनेस ट्रेनर के तौर पर बेहतरीन करियर उभर कर सामने आया है. आज हम आपको फिटनेस ट्रेनर बनने के लिए योग्यता और जरूरी कोर्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं. 


थोड़ी ज्यादा मेहनत की होती है जरूरत 
हालांकि, फिटनेस ट्रेनर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि व्यक्ति खुद भी स्वस्थ रहे. इस जॉब में काफी मेहनत की जरूरत होती है. हालांकि, आपकी मेहनत का परिणाम आपको आकर्षक सैलरी के तौर पर बाद में मिलता भी है, इसलिए पहले मेहनत करने से बिल्कुल न घबराएं. ऐसे में फिटनेस ट्रेनर को सबसे पहले खुद की फाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. अगर आप भी कुछ अलग करना चाहते हैं और यह ऑप्शन आपको करियर के लिए अच्छा लगता है तो आपमें कुछ खास स्किल्स होना बेहद जरूरी है. 


फिटनेस ट्रेनर बनने के लिए आपमें होना चाहिए ये स्किल्स
1.सबसे पहले तो आपको योग, एक्सरसाइज और एक्सरसाइज इक्विपमेंट की बारे में ज्यादा से ज्यादा नॉलेज होनी चाहिए.
2.फिटनेस ट्रेनर को जिम इक्विपमेंट के इस्तेमाल से जुड़ी पूरी जानकारी होनी चाहिए.
3.एरोबिक्स, फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग, न्यूट्रीशन, बीएमआई और ट्रेनिंग इक्विपमेंट के बारे में भी अच्छा खासा नॉलेज होना जरूरी है.
4.हर किसी की बॉडी अलग होती है और उसकी क्षमताएं भी अलग हैं.ट्रेनर को हर व्यक्ति के शरीर के अनुसार एक्सरसाइज और डाइट प्लान बनाते आना चाहिए.


ऐसे बने फिटनेस ट्रेनर बनने के लिए  
 फिटनेस ट्रेनर बनने के लिए  करीब ढाई महीने का इंस्ट्रक्टर प्रोग्राम कर सकते हैं. इस प्रोग्राम मेंएमए लेवल एग्जाम निकालना होता है. इस एग्जाम को क्लियर करने के बाद कैंडिडेट को सर्टिफिकेट दिया जाता है. वहीं, बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन या फिर योगा कोर्स कर सकते हैं. आपको बता दें कि फिजिकल एजुकेशन कोर्स की अवधि 3 से 4 साल की होती है, जबकि योगा कोर्स 1 से लेकर 4 साल तक का होता है.