Oshin Sharma Success Story: किसी ने बहुत खूब कहा है, "जो गिरने से डरते हैं, वो कभी उड़ान नही भरते." आज हम एक ऐसी महीला ऑफिसर की बात करेंगे, जिन्होंने मानो कभी हार मानना सीखा ही ना हो. दरअलल, हम बात कर रहे हैं, ओशिन शर्मा (Oshin Sharma) की जो अक्सर अपने प्रशासनिक काम को लेकर चर्चा में रहती हैं. ओशिन समाजसेवा करने में भी काफी रूची रखती हैं, और साथ ही युवाओं को भी सोशल वर्क के लिए काफी प्रेरित करती है. उनका मानना है कि अगर आप देश सेवा करना चाहते हैं, तो आप उसकी शुरुआत बिना किसी स्वार्थ के सोशन वर्क से कर सकते हैं.


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फिल्मों में काम करने का ऑफर ठुकरा कर रही हैं देश सेवा
ओशिन 'ब्रेन विद ब्यूटी' (Brain with Beauty) की भी एक खूबसूरत मिसाल हैं. गौरतलब है कि लाडली फाउंडेशन ने ओशिन को अपना ब्रांड अंबेसडर भी बना रखा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओशिन देखने में किसी मॉडल या एक्ट्रेस से कम नहीं हैं और यही कारण है कि उन्हें फिल्मों में काम करने के भी ऑफर मिल चुके हैं. हालांकि, उनके परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वो इस फील्ड में अपना करियर बनाए. इसलिए उन्होंने भी इस रास्ते पर आगे ना बढ़ते हुए ऑफिसर बनने का फैसला किया. हालांकि, ओशिन का सपना डॉक्टर बनने का था.  


ओशिन का परिवार
दरअसल, 11 मार्च 1992 को जन्मी ओशिन शर्मा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता भुवनेश कुमार शर्मा एक नायब तहसीलदार हैं. जबकि उनकी मां सुंदरी शर्मा कांगड़ा के सेटेलमेंट ऑफिसर की पीए हैं. बता दें ओशिन तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. ओशिन की बहन आभा शर्मा, बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. जबकि उनके भाई प्रणव शर्मा पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं.



पॉलिटिक्स ने मजबूर किया अधिकारी बनने पर
ओशिन ने अपनी स्कूली शिक्षा डीएवी टोटू, शिमला और डीएवी लक्कड़ बाजार, शिमला से की है. इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज धर्मशाला और आर.के.एम.वी शिमला से अपनी ग्रेजुएशन की है. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस, चंडीगढ़ से केमिस्ट्री ऑनर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है. एक बार मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि कॉलेज के समय में उनका पॉलिटिक्स में काफी इंटरेस्ट था, यहां तक कि वो स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में भी काफी एक्टिव रहती थी. उनके इस इंटरेस्ट को देखते हुए ही उनके माता-पिता ने उन्हें सिविस सर्विसेज की तैयारी कर ऑफिसर बनने के लिए प्रेरित किया.   


सिर्फ 5 नंबर के कारण नहीं हुआ सेलेक्शन
उन्होंने भी इसी राह पर आगे बढ़ते हुए, सिविल सर्विसेज के एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. घर में भी पढ़ाई-लिखाई का शुरू से ही माहौल रहा था, तो ऐसे में परीक्षा के लिए ओशिन ने भी दिन-रात एक कर दिया. उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान, खुद को परखने के लिए भी कई गवर्नमेंट जॉब के एग्जाम दिए, लेकिन दुर्भाग्यवश उनका सेलेक्शन किसी भी परीक्षा के लिए नहीं हो पाया. एक बार तो केवल 5 नंबर की वजह से उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया था. हालांकि, कह सकते हैं कि शायद ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था. इतने प्रयासों के बाद सेलेक्शन ना होने पर भी ओशिन ने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी. 



इस तरह हासिल की सफलता, आज है असिस्टेंट कमिश्नर कम बीडीओ  
साल 2019 में ओशिन को अपनी मेहनत का फल मिला. उनका सेलेक्शन हिमाचल में बीडीओ (Block Development Officer) के पद पर हो गया. हालांकि, ओशिन के मन में कुछ और ही चल रहा था. उन्होंने बीडीओ के पद पर काम करते हुए भी हिमाचल प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के लिए अपनी तैयारी जारी रखी. उनकी इस लगन और मेहनत का ही नतीजा था कि उन्होंने हिमाचल प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल कर परीक्षा पास कर ली. इस समय ओशिन हिमाचल में असिस्टेंट कमिश्नर कम बीडीओ के पद तैनात हैं और अपने देश सेवा के कर्तव्य को निभा रही हैं.