Instrumentation Technician: इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग क्या है? जानें इस कोर्स से जुड़ी ये अहम बातें, ये हैं इंडिया के बेस्ट इंस्टिट्यूट
Instrumentation Engineering: पारंपरिक कोर्स में बदलाव का एक वर्जन है इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग. इस कोर्स में स्टूडेंट्स को मशीनरी के साथ इस्तेमाल किए जाने वाले सिस्टम के डिजाइन, विकास और संचालन के बारे में सिखाया जाता है. इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं काफी तेजी से बढ़ी हैं.
Instrumentation Engineering: बदलते दौर के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं. समय के साथ पारंपरिक कोर्सेज में कई चेंजेस हुए हैं. पारंपरिक कोर्स में कई तरह के वर्जन आज देखे जा सकते हैं. इन्हीं पारंपरिक कोर्स में बदलाव का एक वर्जन है इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग. इस कोर्स में स्टूडेंट्स को मशीनरी और विभिन्न यांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ इस्तेमाल किए जाने वाले सिस्टम के डिजाइन, विकास और संचालन के बारे में सिखाया जाता है.
ऐसे में बदलते दौर में बढ़ते टेक्नोलॉजी के मार्केट के चलते इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं काफी तेजी से बढ़ी हैं. आपको बता दें कि इस कोर्स के बारे में कम ही लोग जानते हैं. ऐसे में आप इस कोर्स को करते हैं तो आपके पास बेहतर करियर संभावनाएं होने के साथ कॉम्पीटिशन भी कम फेस करना पड़ सकता है. वहीं, इस कोर्स को करने के बाद आपको विदेशों में भी बेहतर जॉब अपॉर्चुनिटी मिल सकती हैं.
जानें इस कोर्स के बारे में
इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग का कोर्स 12वीं के बाद किया जाता है. इसके लिए 12वीं में कैंडिडेट के पास केमिस्ट्री, मैथ और फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट होना जरूरी है. सरकारी संस्थानों में इस कोर्स के लिए एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के पास 12वीं में 50 प्रतिशत अंक होना जरूरी है, हालांकि, कुछ संस्थानों में अनुसूचित जाति के छात्रों को इसमें छूट दी जाती है.
इस कोर्स को करने के बाद कितनी मिलेगी सैलरी
इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग की मांग ना केवल सरकारी क्षेत्र में है, बल्कि प्राइवेट कंपनियों में भी इसकी मांग में तेजी से इजाफा हुआ है. इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के बाद प्राइवेट क्षेत्र में व्यक्ति सालाना 3 से 4 लाख वेतन पा सकता है. किसी भी क्षेत्र में शुरुआत करते समय यह ध्यान दें कि समय और आपके एक्सपीरियंस के आधार पर ही सैलरी में इजाफा होता है.
करियर की संभावनाएं
इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग में करियर की अपार संभावनाएं हैं. इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स के पास इंडस्ट्री में ऑटोमेशन कंट्रोल, डेवलपमेंट, डिजाइन, क्वालिटी कंट्रोल, फैब्रिकेशन इंस्पेक्शन मेंटेनेंस सर्विसे जैसी कई चीजों में काम करने का अवसर होता है. इसके अलावा पावर प्लांट, खाद्य प्रसंस्करण, कागज खाद और रसायन जैसी कई प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिलता है.
सरकारी संस्थानों में कर सकते हैं इंस्ट्रूमेंटेशन कंट्रोल इंजीनियरिंग का कोर्स
1.आईआईटी दिल्ली – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान
2.अंबेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
3.भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली- सेंसर, इंस्ट्रुमेंटेशन और साइबर भौतिक प्रणाली इंजीनियरिंग केंद्र
4.भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी
5.भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई
6.सीवी रमण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, भुवनेश्वर
7.महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, कोट्टायम
8.भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई