Barauni Railway Station Fact: आपने ट्रेन के जरिए ना जाने कितनी ही बार सफर किया होगा. आप यह भी जानते होंगे कि ट्रेन से यात्रा शुरू करने से पहले हर व्यक्ति को रेलवे स्टेशन पर तय समय से पहले पहुंच कर यह पता करना होता है कि उसकी ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर आने वाली है, जिसके बाद वह उस प्लेटफॉर्म पर जाकर अपनी ट्रेन पकड़ता है. लेकिन सोच के देखिए अगर आपको रेलवे स्टेशन पर जाकर यह पता लगे कि आपकी ट्रेन स्टेशन से दो किलोमीटर दूर खड़ी है, तो आप उस स्थिति में क्या करेंगे. जी हां, बता दें कि देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जहां प्लेटफॉर्म नंबर 1 नहीं है. उस स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की शुरुआत प्लेटफॉर्म नंबर 2 से होती है. ऐसे में अगर आपकी गाड़ी प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर आती है, तो आपको स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर जाकर अपनी ट्रेन पकड़नी होगी. आइये आब जानते हैं कि वो कौन सा रेलवे स्टेशन है, जहां प्लेटफॉर्म नंबर 1 है ही नहीं.      


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, हम बात कर रहे हैं बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित बरौनी जंक्शन रेलवे स्टेशन की. यह जंक्शन अंग्रजों के जमाने में बनाया गया था. साल 1883 में यह जंक्शन बन कर तैयार हुआ था. उस समय इस स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 1 था, लेकिन इस प्लेटफॉर्म पर केवल मालगाड़ी ही खड़ी होती थी. ऐसे में वहां के स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से इसकी शिकायत की, जिसके बाद एक नया बरौनी रेलवे स्टेशन बनाने का फैसला किया गया. 


बरौनी जंक्शन से ही करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर बरौनी रेलवे स्टेशन बनाया गया. अब दिक्कत यह थी की महज 2 किलोमीटर की दूरी पर ही बरौनी के नाम से दो रेलवे स्टेशन बन गए थे. हालांकि, दोनों में एक अंतर था. एक बरौनी जंक्शन था, तो दूसरा बरौनी रेलवे स्टेशन. वहीं, बरौनी रेलवे स्टेशन पर जब प्लेटफॉर्म नंबर 1 बनाया गया, तो बरौनी जंक्शन से प्लेटफॉर्म नंबर 1 को हटा लिया गया और इसी के बाद से बरौनी जंक्शन पर प्लेटफॉर्म की संख्या नंबर 2 से शुरू होने लगी.   


अब लोगों के सामने दिक्क्त यह आ रही थी कि करीब 2 किलोमीटर के दायरे में एक ही नाम से दो रेलवे स्टेशन हो गए थे. जिस कारण यात्री कई बार गलत स्टेशन पर पहुंच जाते थे. जिन यात्रियों की ट्रेन बरौनी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से होती थी, उन्हें बरौनी रेलवे जंक्शन से 2 किलोमीटर दूर जाकर अपनी ट्रेन पकड़नी पड़ती थी.