नई दिल्ली: कोरोना काल में आम भारतीय ने हवाई जहाज में सफर करने की ओर ज्यादा रुख किया. अगर आप भी उन लोगों में  शामिल हैं, जो एरोप्लेन में सफर कर चुके हैं, तो एक बात गौर किया गया होगा. अक्सर हवाई जहाज के स्टाफ में महिलाओं की संख्या ज्यादा होता है. पुरुषों के मामले में फीमेल Air Hostess कहीं ज्यादा होती हैं. आपने सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है. दरअसल, यह सिर्फ ग्लैमर का मामला नहीं है. इसके पीछे कई बड़ी वजहें हैं. आज के Knowledge पैकेज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 


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मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन स्किल
ऐसे माना जाता है कि महिलाओं का मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन स्किल काफी अच्छा होता है. अक्सर लोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बातों ज्यादा गौर से सुनते हैं. ऐसे में जरूरी दिशा-निर्देश देने के लिए महिलाएं ही आती हैं. वह मैनेजमेंट स्किल का इस्तेमाल करते हुए यात्रियों की परेशान का ध्यान रखती हैं. सेवा के मामले वह बेहतर होती हैं और समाधान भी जल्दी निकाल लेती हैं. 


स्वाभाव भी है वजह 
ऐसा भी माना जाता है कि महिलाएं स्वभाव में ज्यादा विनम्र होती हैं. कोई फ्लाइट बीच उड़ान में विवादों से बचने की कोशिश करता है. ऐसे में महिलाओं का ये स्वाभाव काफी उपयोगी होता है. फीमेल फ्लाइट अटेंडेंट ज्यादा विनम्र और वेलकमिंग होती हैं. कहीं ना कहीं कई बार ग्लैमर को भी ध्यान में रखा जाता है. 


वजन है बड़ी वजह
हवाई जहाज के उड़ान में वजन का अपना महत्व है. जिनता अधिक वजन, उतना अधिक फ्यूल का खर्च. फ्लाइट कंपनिया ईधन खपत कम करने के लिए छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखती हैं. यहां तक की पेंट का भी. ऐसे में फीमेल फ्लाइट अटेंडेंट ज्यादा सुविधाजनक है. पुरुषों के मुकाबले इनका वजन कम होता है. 


पुरुष भी होते हैं फ्लाइट अटेंडेंट 
ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिलाएं फ्लाइट अटेंडेंट होती हैं. पुरुषों को भी बतौर फ्लाइट अटेंडेंट हायर किया जाता है. हालांकि, इनकी संख्या काफी कम है. अगर जेंडर समानता को देखा जाए, तो ये कहा जा सकता है कि पुरुषों को ज्यादा मौका मिलना चाहिए.