भारत की सबसे सेफ सिटी कौन सी है? नाम जानकर चौंक जाएंगे
Safest City In India: विकास की रफ्तार ने भारत के कुछ शहरों को रहने के लिहाज से विश्व के अन्य देशों के शहरों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक जानिए कौन सा शहर सबसे ज्यादा सुरक्षित है...
Safest City In India: पिछले दो दशकों में भारत में विकास ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है. देश की जनसंख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है. इतना ही नहीं आर्थिक विकास के मामले में भी देश ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. जब लोग बसने के इरादे से किसी शहर के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले लोग सुरक्षा को अहमियत देते है.
साथ ही उस शहर का आधारभूत ढांचा, कानून व्यवस्था, पानी और यातायात सुविधाओं को ध्यान में रखते हैं. आजकल बढ़ते अपराध जैसे- रेप, चोरी, मर्डर जैसी घटनाओं के कारण लोगों का सुरक्षित रहना मुश्किल हो गया है. ऐसे में आपको भारत के उस शहर के बारे में बता रहे हैं, जिसे रहने के हिसाब से भारत का सबसे सुरक्षित शहर माना जाता है.
ये है भारत का सबसे सुरक्षित शहर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता लगातार तीसरे साल भारत में सबसे सुरक्षित शहर बनकर उभरा है. महानगरों में प्रति लाख आबादी पर दर्ज संज्ञेय अपराध के सबसे कम मामले कोलकाता में आए.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार कोलकाता में 2022 में प्रति लाख लोगों पर संज्ञेय अपराध के 86.5 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद पुणे 280.7 और हैदराबाद 299.2 का स्थान रहा. एनसीआरबी की 'भारत में अपराध 2022' रिपोर्ट 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों से जुटाए किए गए आंकड़ों पर आधारित है.
जानिए क्या है संज्ञेय अपराध
संज्ञेय अपराध का मतलब ऐसे अपराध से हैं, जिनके लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विशेष और स्थानीय कानून(एसएलएल) की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता में 2021 में प्रति लाख लोगों पर संज्ञेय अपराध के 103.4 मामले दर्ज किए गए थे, जो इस घटकर 86.5 हो गए.
वहीं, साल 2020 में यह आंकड़ा 129.5 था. साल 2021 में पुणे और हैदराबाद में प्रति लाख जनसंख्या पर क्रमशः 256.8 और 259.9 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए थे. आपको बता दें कि 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 शहरों के बीच तुलना के बाद रैंकिंग जारी की गई.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया
हालांकि, कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई. साल 2021 में कुल 1,783 मामले थे, जो 2022 में बढ़कर 1,890 हो गए. कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 27.1 थी, जो कोयंबटूर की 12.9 और चेन्नई की 17.1 से कई ज्यादा था.
हिंसक अपराधों में भी आई कमी
रिपोर्ट के अनुसार इस साल कोलकाता में हिंसक अपराधों में भी गिरावट दर्ज की गई है. इतना ही नहीं यहां पर हत्या के सिर्फ 34 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले साल के 45 मामलों से कम हैं. साल 2022 में यहां रेप के 11 मामले दर्ज किए गए, इतनी ही संख्या 2021 में दर्ज की गई.