Wild Life: दुनियाभर में जानवरों की तस्करी बहुत आम बात है. आज जानिए उस जानवर के बारे में, जिसकी तस्करी दुनियाभर में सबसे ज्यादा होती है. यह जानवर बहुत कीमती है, क्योंकि इसका इस्तेमाल मांस से लेकर दवाई बनाने में होता है.
Trending Photos
Pangolin Trafficking: पैंगोलिन एक ऐसा शर्मीला और अनोखा जीव, जो तस्करों की सबसे बड़ी पसंद बन चुका है. इसके स्केल्प और मांस का इस्तेमाल ट्रेडिशनल दवाओं और महंगे व्यंजनों में किया जाता है, जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. दुनियाभर में वन्य जीवों की तस्करी में 20 फीसदी हिस्सेदारी अकेले पैंगोलिन की है. आज यह यूनिक जानवर विलुप्ति के कगार पर खड़ा है, जिसे बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
जानवरों की तस्करी का काला सच
दुनिया में कई प्रजाति के जीव-जंतु विलुप्त होने की कगार पर हैं और इसका बड़ा कारण है उनकी तस्करी. इनमें से एक नाम है पैंगोलिन का, जो तस्करी का सबसे बड़ा शिकार बन चुका है. यह स्तनधारी जीव अपने मांस और स्केल्स (खाल) के लिए दुनियाभर में अवैध रूप से पकड़ा और बेचा जाता है.
पैंगोलिन: तस्करी में सबसे आगे
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में वन्य जीव तस्करी के मामलों में 20% हिस्सा अकेले पैंगोलिन का है. यह शर्मीला जीव नेवलों जैसा दिखता है और चींटियां खाकर जीवन यापन करता है. इसकी खाल और मांस का इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में होता है, जिसकी वजह से तस्करों के बीच इसकी मांग बढ़ गई है.
Northern Cardinals: क्रिसमस का सिंदूरी पंछी, खाना बदलता है इसका रंग और आवाज करती है मंत्रमुग्ध!
महंगे रेस्त्रां और बाजार की मांग
पैंगोलिन का मांस बेहद कीमती माना जाता है. एक किलो पैंगोलिन के मांस की कीमत करीब 27,000 रुपये तक होती है. इसे अक्सर बड़े और महंगे रेस्त्रां में परोसा जाता है. इसका मांस बेहद मुलायम होता है और इसे विशेष डिश के रूप में तैयार किया जाता है.
दवाओं के लिए पैंगोलिन का यूज
पैंगोलिन का स्केल्स (ऊपरी परत) और मांस दोनों ही पारंपरिक चिकित्सा में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके स्केल्स से बनने वाली दवाएं विशेष रूप से कठोर होती हैं, जिन्हें गर्म पानी या अल्कोहल में मिलाकर सेवन किया जाता है. चीन और अन्य एशियाई देशों में इसकी बड़ी मांग है, और यही वजह है कि वहां पैंगोलिन की तस्करी सबसे ज्यादा होती है.
धरती पर सबसे पुराने जीवों में से एक
पैंगोलिन धरती पर 60 मिलियन सालों से मौजूद हैं और अब यह विलुप्त होने की कगार पर हैं. शर्मीले स्वभाव के इस जीव का मुख्य भोजन चींटियां और दीमक हैं. यह जीव अपने अद्वितीय शारीरिक संरचना और व्यवहार के कारण वैज्ञानिकों के लिए भी आकर्षण का विषय है.
Partridge: हर साल नए पति की करती है तलाश, रहस्यों से भरी पड़ी है इस पक्षी की दुनिया
अवेरनेस जरूरी
पैंगोलिन की तस्करी को रोकने के लिए अवेरनेस बढ़ाना बेहद जरूरी है. कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सरकारों ने इसके संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन अवैध तस्करी अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है. अगर इस जीव की तस्करी को नहीं रोका गया, तो जल्द ही यह पूरी तरह से विलुप्त हो सकता है.