नई दिल्ली: शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने आज राज्यसभा में पिछले पांच वर्षों में अंडरग्रेजुएट लेवल पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली पड़ी सीटों की संख्या के बारे में डिटेल साझा की. 


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उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान, इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल सीटों की संख्या कम हुई है और इसलिए खाली सीटों की संख्या भी घटी है. साल 2021-22 में 12,53,337 में से 4,21,203 सीटें खाली थीं जो 33.6 फीसदी है.


वहीं साल 2020-21 में कुल 12,86,545 सीटों में से 5,66,538 सीटें खाली रहीं, जो कुल सीटों का 44 प्रतिशत है. इसके अलावा साल 2019-20 में, 13,28,247 सीटें थीं, जिनमें से 5,87,314 खाली थीं, जो कुल सीटों का 44.2 प्रतिशत है.


अब बात करें साल 2018-19 कि, तो उस साल कुल 13,95,345 सीटों में से 6,78,932 सीटें खाली थीं, जो कुल सीटों का 48.6 फीसदी था. इसके अलावा साल 2017-18 में, कुल 14,65,873 सीटों में से 7,22,112 खाली रह गई थीं, जो कुल सीटों का 49.2 प्रतिशत था.


शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले साल पिछले पांच वर्षों की तुलना में सबसे कम खाली सीटें देखी गई थीं.


डॉ सरकार ने आगे कहा कि संस्थानों के स्थान, शैक्षणिक और बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ प्लेसमेंट ऑपरच्युनिटी समेत सीटों को भरने के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं.