MPSC Civil Services New Exam Pattern: महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) ने गुरुवार को घोषणा की थी कि नए डिस्क्रिप्टिव एग्जाम पैटर्न और पाठ्यक्रम को साल 2025 से अपनाया जाएगा. राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के पैटर्न को पहले 2023 से लागू करने की योजना थी, लेकिन विरोध के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है.


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महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे स्थगित करने की घोषणा की है.


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि "हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं चाहते हैं. अब छात्रों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिल गया है. हमें इस फैसले के लिए एमपीएससी (MPSC) को धन्यवाद देना चाहिए."


पिछले साल जून में, एमपीएससी ने कहा था कि वह परीक्षणों के वर्तमान ऑब्जेक्टिव एग्जाम पैटर्न से डिस्क्रिप्टिव एग्जाम पैटर्न पर स्विच करेगा. उम्मीदवारों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर संशोधित पाठ्यक्रम 2023 में लागू होता है तो उनके पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं होगा.


प्रश्न पत्रों की संख्या में हुए वृद्धि
बता दें कि एक बड़े बदलाव के रूप में, MPSC ने मुख्य परीक्षा में प्रश्नों की संख्या छह से बढ़ाकर नौ कर दी है. जिसमें 7 अनिवार्य पेपर होंगे - एक निबंध लेखन के लिए, चार सामान्य अध्ययन के लिए और दो पेपर 26 ऑप्शनल सब्जेक्ट की लिस्ट में से उम्मीदवार द्वारा चुने गए किसी भी विषय पर होंगे.


नए पैटर्न के अनुसार, दो भाषा के पेपर क्वालिफाइंग प्रकृति के हैं. अन्य सात पेपर अनिवार्य हैं और इनका उत्तर अंग्रेजी या मराठी भाषा में दिया जा सकता है.


मार्किंग स्कीम में बदलाव
नए पैटर्न में कुल 1,750 अंकों की परीक्षा होगी. जिसमें से 300 अंकों के दो भाषाओं के पेपर में प्राप्त अंकों को अब मेरिट स्कोर में शामिल नहीं किया जाएगा. मेरिट स्कोर के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए एक उम्मीदवार को इनमें से प्रत्येक पेपर में 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे.


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