NEET की मेरिट से हुई छेड़छाड, 891 होनहारों छात्रों के नाम लिस्ट से गायब, अधिकारियों ने अपने बच्चों के करवाए एडमिशन
NEET Admission 2022: काउंसलिंग की प्रक्रिया में हेराफेरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने व जानने वालों के बच्चों को डॉक्टर बनाने के लिए यह गड़बड़ी की है.
NEET Admission 2022: मेडिकल कॉलेजों में नीट एडमिशन (NEET Admission) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. देश के विभिन्न आयुष कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर छात्रों को भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. होनहार और मेधावी छात्रों के नाम को नीट 2022 की मेरिट लिस्ट से हटाकर कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को एडमिशन दिया जा रहा है. इस गड़बड़ी को देखते हुए बुधवार को नीट मेरिट में शामिल कई छात्र आयुर्वेद निदेशालय पहुंचे और अधिकारियों को चल रही इस धांधली के बारे में बताने की कोशिश की, लेकिन इसको लेकर अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई.
आयुर्वेद निदेशालय के अधिकारियों ने जानबूझ कर की धांधली
मामले को देखते हुए साफ नजर आ रहा है कि आयुर्वेद निदेशालय के अधिकारी इस धांधली के बारे में जानबूझ कर कोई कार्रवाही नहीं कर रहे हैं. निदेशालय के जिम्मेदार अधिकारी किसी से बात भी नहीं कर रहे हैं. उत्तराखंड से आए एक छात्र ने कहा कि उसका नाम नीट 2022 की मेरिट में था, लिकिन उसे काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने नहीं दिया गया. वहीं गोरखपुर से आए एक छात्र ने भी दावा किया कि उसका नाम भी मेरिट लिस्ट में था. छात्रों का कहना है कि दलालों ने 891 मेधावी छात्रों को नीट यूजी 2022 की मेरिट लिस्ट से बाहक कर परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को डॉक्टर बनने का मौका दिया है.
अधिकारियों ने अपने व जानने वालों के कराए फर्जी एडमिशन
बता दें कि काउंसलिंग की प्रक्रिया में हेराफेरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने व जानने वालों के बच्चों को डॉक्टर बनाने के लिए यह गड़बड़ी की है. कई अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जो अपने व परचितों के बच्चों को दाखिला दिलाने में कामयाब भी हुए हैं. हालांकि, इतने हंगामे के बाद एसटीएफ (STF) ने इन मामले में सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं.
यूपी के 9 संदिग्ध छात्रों को मिला एडमिशन
बता दें कि देश के आठ कॉलेजों ने 9 संदिग्ध छात्रों को नीट 2022 की मेरिट लिस्ट के जरिए एडमिशन दिया है, जबकि उनका नाम रियल मेरिट लिस्ट में नहीं था. इसमें सबसे ज्यादा यूपी के बांदा जिले के तीन फर्जी छात्रों को एडमिशन दिया गया है. जबकि गोरखपुर, हड़िया, मुजफ्फरनगर, नेशनल होम्योपैथ कॉलेज और तिबिया कॉलेज में एक-एक छात्र को एडमिशन मिला है, जिनका नीट का एग्जाम दिया ही नहीं था.