नई दिल्लीः शिक्षा मंत्रालय ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित तकनीकी शिक्षा मातृ भाषा में देने के लिए रोडमैप तैयार करने की खातिर बुधवार को कार्यबल का गठन किया. यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी. निशंक की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. 


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किसी भी भाषा से वंचित नहीं होंगे स्टूडेंट्स
निशंक ने कहा, ‘‘आज की बैठक प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को हासिल करने की दिशा में एक कदम है कि छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग और कानून जैसे पेशेवर पाठ्यक्रम अपने मातृभाषा में पूरे कर सकें. किसी भी छात्र पर कोई भाषा नहीं लादी जाएगी लेकिन ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि छात्र अंग्रेजी भाषा की जानकारी के अभाव में तकनीकी शिक्षा से वंचित नहीं हो पाएं.’’बैठक में आईआईटी के निदेशक, शिक्षाविद् और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे जिनका एजेंडा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने पर चर्चा करना था.