Biggest Train Accident: उड़ीसा के बालासोर में 2 जून 2023 की शाम करीब 7 बजे हुई भीषण रेल दुर्घटना से देश सिहर उठा. इस ट्रेन हादसे में तीन ट्रेन एक दूसरे से भिड़ी हैं. जानकारी के मुताबिक कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस पटरी से उतरकर एक मालगाड़ी से टकराई. मालगाड़ी के डिब्बे भी पटरी से उतर गए और यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन से टकरा गए.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हादसे में तकरीबन 280 यात्रियोम को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और लगभग 900 यात्री घायल हुए. देश के बड़े रेल हादसों की लिस्ट में शामिल हो चुके इस दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, लेकिन क्या आप जानते हैं देश के इतिहास में होने वाले सबसे बड़े रेल हादसे के बारे में? आज जानेंगे भारत की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना कैसे हुई थी.


रेलवे के इतिहास का सबसे बड़ा रेल हादसा
बात है 6 जून 1981 की जब  यात्रियों से खचाखच भरी एक पैसेंजर गाड़ी संख्या 416dn मानसी से सहरसा के लिए रवाना हुई. इस ट्रेन के रूट में बदला घाट और धमारा घाट स्टेशन के बीच बागमती नदी पड़ती थी. रेलगाड़ी पुल संख्या-51 से गुजर रही थी और अचानक नदी में जा गिरी. ट्रेन में कुल 9 बोगियां थी, जिसके पिछली 7 बोगियां नदी में गिर गईं. बारिश के मौसम की वजह से बागमती का जलस्तर भी बढ़ा हुआ था, ऐसे में पलक झपकते ही यह ट्रेन नदी में डूब गई. 


इस ट्रेन हादसे में डूबकर मर गए सैंकड़ों यात्री 
जब तक आपपास के लोग डूबते यात्रियों को बचाने के लिए नदी के करीब पहुंचते, तब तक सैकड़ों यात्रियों की पानी में डूबकर मौत हो चुकी थी. यह दुर्घटना देश की सबसे बड़ी और दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना बताई जाती है. कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन. गोताखोरों ने 5 दिनों तक नदी से 200 से भी ज्यादा शव निकाले थे. सरकारी आंकड़ों की मानें तो हादसे में करीब 300 लोगों की जानें गईं, लेकिन स्थानीय लोगों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें 800 से 900 लोगों की मौत हुई थी.


इस हादसे के बताए जाते हैं कई कारण
कोई तेज आंधी चलना इस हादसे की वजह बताता है तो कोई नदी में अचानक बाढ़ को. वहीं, कुछ लोगो कहते हैं कि पुल पर एक गाय आ गई थी, जिसे बचाने के लिए लोको पायलट ने अचानक तेज ब्रेक लगा दिए और ट्रेन अनियंत्रित होने के कारण पिछले 7 डिब्बे पलट गए, जो नदी में जा गिरे.