दुनिया के सबसे बेकार जानवर के दूध से ही बनता है दुनिया का सबसे महंगा पनीर, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश
World’s Most Expensive Cheese: प्यूल चीज़ दुनिया के सबसे महंगे खाद्य पदार्थों में से एक है, जो वाग्यू बीफ और इटैलियन ट्रफल्स की बराबरी करता है. इसकी गिनती दुनिया के सबसे महंगे पनीर में की जाती है.
World’s Most Expensive Cheese: आपने आज तक पनीर तो कई बार खाया होगा. पनीर में जितना स्वाद होता है, उतना ही वो गुणकारी भी होता है. अक्सर किसी खास मौके पर घर में बनने वाले खाने के लिए लोगों की सबसे पहली पसंद पनीर होती है. हालांकि, आमतौर पर घरों में बनने वाले पनीर को छोड़ दें, तो क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे महंगा पनीर (Expensive Cheese) कौन सा है? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको दुनिया के सबसे महंगे पनीर के बारे में बताते हैं, जिसे प्यूल चीज़ (Pule Cheese) के नाम से जाना जाता है. प्यूल चीज़ के 1 किलोग्राम की कीमत एक आम आदमी के दो से तीन महीने की सैलरी से भी अधिक है.
जानें कितना महंगा है प्यूल चीज़
बता दें कि इस पनीर की कीमत करीब 800 से 1000 यूरो यानि लगभग 80,000 से 82,000 रुपए प्रति किलोग्राम होती है. इसकी गिनती दुनिया के सबसे महंगे पनीर में की जाती है. हालांकि, अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि इस पनीर में ऐसा क्या है, जिसकी वजह से इसकी कीमत इतनी ज्यादा है. ऐसे में आपको बता दें कि यह पनीर उस जानवर के दूध से बनाया जाता है, जिसे पूरी दुनिया बेकार और फाल्तु समझती है.
25 लीटर दूध से बनता है केवल एक किलो पनीर
दरअसल, इस पनीर को गधी के दूध से बनाया जाता है. हालांकि, ये सामान्य गधी नहीं बल्कि सर्बिया में पाई जाने वाली खास प्रजाति की गधी 'बाल्कन' के दूध से इस पनीर को बनाया जाता है. इस खास किस्म के पनीर 'प्यूल चीज़' का उत्पादन हर देश में नहीं किया जाता है. इसका उत्पादन केवल सर्बिया के 'जसाविका स्पेशल नेचर रिजर्व' में किया जाता है. इसे बनाने के लिए करीब 60 फीसदी बाल्कन गधी का दूध और 40 फीसदी बकरी का दूध इस्तेमाल किया जाता है और फिर इसे प्रोसेस करके तैयार किया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1 किलोग्राम प्यूल चीज बनाने के लिए बाल्कन गधी के करीब 25 लीटर ताजे दूध की जरूरत पड़ती है.
एक लीटर दूध की कीमत हजारों में
गधी के दूध से बना पनीर दुनिया के सबसे महंगे खाद्य पदार्थों में से एक है, जो वाग्यू बीफ और इटैलियन ट्रफल्स की बराबरी करता है. दरअसल, गधी का दूध आसानी से सेट नहीं होता है, जिस कारण नेचर रिजर्व में एक सीक्रेट तरीका अपनाया जाता है. इसके अलावा बात करें गधों की संख्या की तो अब दुनियाभर के कई देशों में इनकी संख्या कम हो गई हो, लेकिन अगर इन्हें संरक्षित किया जाए तो गधी के दूध को 25-30 हजार रुपए प्रति लीटर की कीमत में बेचा जाता है.
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