Why is the Moon called Mama: आपने अब तक कई बार आसमान में चांद को निकलते हुए देखा होगा. चाहें, वो चांद पूर्णिमा का हो या फिर अमावस्या का, आपने उसे हर प्रकार के आकार में देखा होगा. हालांकि, आज हम आपसे चांद से जुड़ा एक बेहद खास सवाल पूछने वाले हैं और वो यह है कि आखिर क्यों चांद को मामा कहा जाता है? ऐसी कौन सी खास वजह है, जिस कारण चांद को मामा ही कहा जाता है, चाचा, ताऊ और फूफा नहीं.


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अगर बचपन से लेकर अब तक देखें, तो सूरदास के पदों से लेकर कहानी की हर किताब में हम चांद को प्यारे मामा की उपाधी देते आए हैं. वहीं बरसों से हर मां अपने बच्चे को चंदा मामा की लोरी सुनाती आ रही है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर चंदा को मामा की यह उपाधी कैसे मिली? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको इसके पीछे की बेहद खास वजह बताते हैं. 


पौराणिक कथाओं से है नाता
दरअसल, पौराणिक कथाओं के अनुसार, जिस समय देवताओं और असुरों के बीच में समुद्र मंथन हो रहा था, उस समय समुद्र के अंदर से बहुत सारे तत्व निकले थे. इन तत्वों में मां लक्ष्मी, वारुणी, चन्द्रमा और विष भी शामिल थे.


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इनके छोटे भाई हैं चंद्रमा 
समुद्र मंथन से निकलने के बाद लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के पास चली गई थी. इसलिए उनके बाद निकलने वाले सभी तत्वों को उनके छोटे भाई और बहन की उपाधी दी गई. ऐसे में चंद्रमा उनके बाद समुद्र से निकले थे इसलिए वे मां लक्ष्मी जी के छोटे भाई बन गए. वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी जी को हम अपनी माता मानते हैं तो ऐसे में उनके छोटे भाई हमारे मामा बन गए. इसी कारण से चांद या चंदा को मामा कहा जाता है और यह समुद्र मंथन से निकले थे इसलिए समुद्र इन सबके पिता कहलाते हैं.


इसलिए भी चंदा को कहते हैं मामा
चंदा को मामा कहने के पीछे दूसरा कारण यह भी बताया जाता है कि चांद पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है और दिन-रात उसके साथ एक भाई की तरह रहता है. अब चूंकि धरती को हम 'मां' मानते हैं इसलिए उनके भाई यानी चंद्रमा हमाारे मामा हुए. इसलिए भी चंदा को मामा कहा जाता है.