White Paint on Tree: अगर आप ट्रैवल के शौकीन हैं और कई राज्यों में घूम चुके हैं, तो आपकी एक खास पैटर्न पर नजरें ज़रूर पड़ी होंगी. हाइवे हो या खूबसूरत जंगल, लंबी सड़कें हो या आपके पड़ोस का पार्क, आपने कुछ पेड़ों की ऐसी तस्वीरें देखी ही होंगी, जिन पर अलग-अलग रंग का पेंट पुता हुआ मिलता है. हालांकि, क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि ऐसा क्यों किया जाता है? अगर नहीं, तो आइये आपको इसके पीछे की अहम वजह के बारे में बताते हैं.


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हाइवे और जंगल में बताते हैं रास्ता
आपने देखा होगा कि पेड़ के तने के निचले हिस्से पर सफेद रंग की पुताई की जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कुछ सड़कें ऐसी होती हैं, जहां स्ट्रीट लाइट नहीं होती, वहां सड़क किनारे लगे पेड़ के तनों में सफेद रंग कर दिया जाता है, जिसके कारण वाहन चालक को रात के अंधेरे में बड़ी आसानी से यह पता चल जाता है कि रास्ते की चौड़ाई कितनी है. घने जंगल में रास्ता बताने के लिए भी हमेशा पेड़ों पर रंग का उपयोग किया जाता है.


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शासकीय वन विभाग की होती है संपत्ति
इसके अलावा यह एक तरह का संकेत भी होता है. दरअसल, जिन पेड़ों पर रंग किया जाता है, वे सभी पेड़ शासकीय वन विभाग की संपत्ति होती है. अगर कोई इसे नुकसान पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ वन विभाग के द्वारा कार्रवाई की जाती है. कुछ राज्यों में पेड़ों को रंगने के लिए लाल और नीले रंग का भी उपयोग किया जाता है. वन विभाग अपनी योजना के अनुसार वृक्षों की गणना के लिए इसका उपयोग करता है. 



पेड़ों की बढ़ जाती है आयु
पेड़ों के तनों को सफेद पेंट से रंगने का एक अहम कारण यह भी है कि ऐसा करने से पेड़ की छालों में दरारों को बचाया जा सकता है. बता दें कि सफेद रंग के लिए ज्यादातर चूने का उपयोग किया जाता है. ऐसा करने से वृक्ष को कोई नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि उसकी आयु बढ़ जाती है. चुने की पुताई के कारण ऐसे पेड़ में कीड़े और दीमक नहीं लगते. चुने की लेयर वृक्ष के तने को सुरक्षित करने का काम भी करती है.