नई दिल्ली: हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन उनमें से केवल एक हजार के आस-पास ही उम्मीदवार इस परीक्षा को पास कर आईएएस, आईपीएस, आईआरएस व आईएफएस ऑफिसर बन पाते हैं. बहुत से उम्मीदवार जब यह परीक्षा पास कर लेते हैं, तो वह परीक्षा के लिए किए गए संघर्ष के बारे में भी बताते हैं, ताकि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवार उनसे मोटिवेट हो सके. कई आईएएस व आईपीएस यह भी दावा करते हैं कि उन्होंने देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा महज तीन महीने या छ: महीने की तैयारी में क्लियर कर ली थी. लेकिन हाल ही में आईआरएस अधिकारी अंजनी कुमार पांडे (IRS Anjani Kumar Pandey) ने बताया है कि कोई भी उम्मीदवार तीन, छ: या नौ महीने की तैयारी में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास ही नहीं कर सकता.


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UPSC की तैयारी में लगेगा इनता समय
आईआरएस अंजनी कुमार पांडे का कहना है कि अगर आप यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने की सोच रहे हैं, तो आपको इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए कम से कम 2 से 3 साल का समय लगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि धरती का सबसे तेज दिमाग वाला इंसान भी इस परीक्षा को तीन, छ: या नौ महीने की तैयारी में क्लियर नहीं कर सकता. उसे भी अच्छे और सही ढंग से परीक्षा की तैयारी करने के लिए 2 से 3 साल लगेंगे.


टॉपर्स की बातों पर ना करें विश्वास
उन्होंने कहा कि अक्सर कई यूपीएससी (UPSC Toppers) पब्लिसिटी और अटेंशन पाने के लिए और प्रचार की चाहत में ऐसा कह देते हैं कि "मैंने सिर्फ 6 महीने पहले पढ़ाई शुरू की थी और मेरा सेलेक्शन हो गया." हालांकि, अंजनी कुमार ने यह भी कहा कि सेलेक्शन के बाद कभी-कभी टॉपर्स जोश में ऐसी बातें कर जाते हैं जो एक मानव का स्वभाव है, पर उन्होंने यूपीएससी कैंडिडेट्स से अनुरोध भी किया कि वे ऐसी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास ना करें.


ये हैं UPSC क्लियर करने की सही स्ट्रेटेजी
इसके अलावा उन्होंने परीक्षा को पास करने के लिए एक सही स्ट्रेटेजी बनाई है, जिसमें उन्होंने पढ़ने के समय पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की काफी कॉम्पिटीटिव परीक्षा है. इस परीक्षा में ही नहीं बल्कि जीवन में कहीं भी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. इसलिए यूपीएससी उम्मीदवार यह कभी ना मानें कि वे 5 से 6 घंटे की पढ़ाई करके UPSC क्लियर कर लेंगे. उन्होंने बताया कि जून से फरवरी तक रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करें, फिर मार्च से लेकर प्रीलिम्स परीक्षा तक रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई को दें. इसके बाद मेंस की परीक्षा के लिए आप रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ें.