तेलंगाना चुनाव: पार्टियों की किसानों और युवाओं को लुभाने की कोशिश
वर्ष 2014 से अपने शासन के दौरान एक लाख रुपये के कृषि कर्ज छूट को लागू करने वाले टीआरएस ने अपनी योजना दोहराने का वादा किया है.
हैदराबाद: सत्तारूढ़ टीआरएस और कांग्रेस नीत महागठबंधन दोनों तेलंगाना में सात दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों, युवकों और सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. टीआरएस, कांग्रेस और टीडीपी ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी के अलावा कृषि कर्ज माफ करने और मासिक बेरोजगारी भत्ता मुहैया कराने का वादा किया है. वर्ष 2014 से अपने शासन के दौरान एक लाख रुपये के कृषि कर्ज छूट को लागू करने वाले टीआरएस ने अपनी योजना दोहराने का वादा किया है.
टीआरएस के अध्यक्ष एवं कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने पिछले सप्ताह चुनावी रैली के दौरान कहा था कि किसानों को निवेश में समर्थन करने वाली ‘रायतु बंधु’ योजना के तहत वित्तीय मदद को प्रति वर्ष 8,000 रुपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति एकड़ कर दिया जाएगा.
उन्होंने किसानों को दी जाने वाली मुफ्त बिजली को भी रेखांकित किया. राज्य के प्रमुख दलों टीआरएस, कांग्रेस और भाजपा ने आधिकारिक तौर पर अभी अपना चुनावी घोषणापत्र जारी नहीं किया है. विपक्षी दलों के महागठबंधन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस ने भी उन्हें वोट देने पर किसानों का दो लाख रुपए तक रिण माफ करने का वादा किया है.
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति (टीपीसीसी) के अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने टीआरएस पर उनके घोषणापत्र के मुख्य बिंदू कॉपी करने का आरोप लगाया. इसके अलावा कांग्रेस ने बेरोजगार युवकों को प्रति माह 3,000 रुपए की वित्तीय सहायता देने का वादा भी किया है.
उसने जिला चयन समिति (डीएससी) के जरिए रिक्त पड़े शिक्षकों के 20,000 पदों पर नियुक्ति करने का वादा भी किया है. साथ ही एक वर्ष के भीतर सरकारी विभाग में एक लाख पदों को भरने का वादा भी किया है. तेदेपा ने भी अपने घोषणापत्र में दो लाख रुपए तक के कृषि रिण को माफ करने और बेरोजगार युवकों को प्रति माह 3,000 रुपए वित्तीय सहायता देने का वादा किया है. कांग्रेस और तेदेपा दोनों ने ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि करने का वादा किया है.
इनपुट भाषा से भी