Low Budget Hit Film: कई बार किसी फिल्म की मेकिंग के दौरान उसमें इतने ज्यादा बदलाव किए जाते हैं कि उसके बाद मेकर्स को खुद भी उस फिल्म पर से विश्वास डगमगा जाता है. ऐसा ही कुछ 40 साल पहले आई एक फिल्म के साथ हुआ था. ये फिल्म आज कल्ट फिल्मों की लिस्ट में शामिल है. लेकिन ये बात जानकर हैरानी होगी कि लगातार कहानी में होते बदलाव के बाद जब फिल्म रिलीज हुई तो उसने छप्परफाड़ कमाई से बॉक्स हिलाकर रख दिया. वहीं इस फिल्म के लीड एक्टर की फीस इतनी ज्यादा कम थी कि आप उसे सपने में भी सोच नहीं पाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जीने भी दो यारो
इस कल्ट फिल्म का नाम 'जीने भी दो यारो' है. ये फिल्म 12 अगस्त 1983 को रिलीज हुई थी. फिल्म का निर्देशन कुंदन शाह ने किया था. इस फिल्म में शुरुआत से लेकर आखिर तक भारतीय राजनीति, नौकरशाही और देश के हालातों को ध्यान में रखकर ऐसा व्यंग्‍य कसा था कि फिल्म को देखकर लोग आज भी अपनी हंसी कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. इतना ही नहीं इस फिल्म में दिखाए गए सीन्स तो अल्टीमेट है. फिर चाहे सतीश कौशिक का एक ही कमरे में फोन पर बात करना और क्लाइमेक्स में महाभारत का सीन दिखाना हो.


 



 


एक गाने से आया फिल्म का आइडिया


ये बात जानकर आप हैरान होंगे कि मेकर्स को इस फिल्म का आइडिया एक गाने से आया था. लेकिन दिलचस्प बात है कि जिस गाने के जरिए इस फिल्म का आइडिया आया तो ना को उस गाने को फिल्म में रखा गया और ना ही किसी और गाने को. यानी कि इस बिना गाने वाली फिल्म को लोगों ने खूब सराहा.


महज 7 लाख में बनकर तैयार हुई फिल्म


इस फिल्म का कुल बजट करीबन 7 लाख 25 हजार रुपये है. इस फिल्म के बजट को ध्यान में रखकर कुंदन शाह ने अपने एफटीआईआई के अपने दोस्तों और पुराने छात्रों को फिल्म में एक्टिंग करने के लिए बुलाया. यहां तक कि फिल्म के लीड एक्टर को महज 15 हजार रुपये सैलरी मिली थी.