जब भी छेड़ा कोई साज, बना ऐसा संगीत कि सालों-साल रहा याद! नाम- नौशाद
नौशाद को बचपन से ही म्यूजिक में इंटरेस्ट था. इतना ही नहीं बचपन में उन्होंने एक थिएट्रिकल क्लब भी ज्वॉइन किया था.
नई दिल्ली: नौशाद अली भारत के प्रसिद्ध संगीतकार थे. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लिए कई गाने कंपोज किए. वह बॉलीवुड फिल्मों में अपने क्लासिक सॉन्गस के लिए मशहूर थे. वह ज्यादातर क्लासिक संगीत को ही कंपोज किया करते थे और उनके गानों को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जाता था. 25 दिसंबर 1919 को लखनऊ में जन्में नौशाद का आज 96वां जन्मदिन है और उनके इस जन्मदिन पर हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से बताने वाले हैं.
1. नौशाद को बचपन से ही म्यूजिक में इंटरेस्ट था. इतना ही नहीं बचपन में उन्होंने एक थिएट्रिकल क्लब भी ज्वॉइन किया था. यह क्लब वहां के एक फिल्म थिएटर में साइलेंट फिल्म के दौरान म्यूजिक बजाया करता था. तब वह प्रेक्टिस के लिए पहले फिल्म देखा करते थे और नोट्स तैयार किया करते थे कि रात में फिल्म चलाई जाएगी तो उन्हें किस तरह से म्यूजिक बजाना है. इस तरह उनके प्रैक्टिस भी हो जाती थी.
2. इसके बाद वह मुंबई आ गए और यहां उन्होंने उस्ताद झंडे खान से म्यूजिक सीखा. उस वक्त वह पियानो बजाया करते थे. यहां उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ और उन्हें 1940 में पहली बार बिना किसी की मदद के या बिना किसी की असिस्टेंस में 1940 में आई फिल्म 'प्रेम नगर' के गानों को कम्पोज किया था. इन गानों को काफी पसंद किया गया था. उन्होंने इस फिल्म के गानों को कम्पोज करने के लिए गुजराती Folk Song पर काफी रिसर्च की थी.
3. बता दें, नौशाद की जिंदगी का एक दिलचस्प किस्सा है कि उनके परिवार के लोग गानों के खिलाफ थे और इस वजह से नौशाद ने अपने घरवालों से काफी वक्त तक इस बारे में छिपाए रखा. इतना ही नहीं जब नौशाद की शादी हुई थी, उस वक्त शादी में उनके द्वारा कंपोज किए गए एक गाने की धुन बजाई जा रही थी और उनके परिवार वाले गाने के कंपोजर की तारीफ कर रहे थे लेकिन वह अपने घरवालों को ही नहीं बता पाए कि यह गाना उन्होेंने ही कंपोज किया है. वो गाना फिल्म 'रतन' का था.
4. भले ही नौशाद ने अपने करियर में 100 से कम फिल्मों में के गानों को कम्पोज किया हो, लेकिन उनकी 26 फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनाई, 8 ने गोल्डन जुबली और 4 फिल्मों ने डाइमंड जुबली मनाई (सभी फिल्में लंबे वक्त तक बड़े पर्दों पर देखी गईं थी.) अपने करियर में नौशाद ने शकील बदायूंनी, मजरूह सुल्तानपुरी, जैसे गीतकारों के साथ काम किया है. उन्हें 1981 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
5. उनके जीवन पर कई भाषाओं में किताब लिखी गई है और उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. नौशाद की 2006 में मृत्यु हो गई थी. उन्होंने आखिरी बार साल 2005 में फिल्म 'ताज महल: एन एटरनल लव स्टोरी' के लिए गाना कंपोज किया था.
(मेघा शर्मा)