मुंबई: हिन्दी फिल्म जगत में एक बेहतरीन शुरूआत करने के बावजूद अभिनेता प्रतीक बब्बर को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह आने वाले समय में अपना मुकाम हासिल कर लेंगे. अभिनेता ने इस साल फिल्म जगत में करीब एक दशक का समय पूरा कर लिया है. इस दौरान उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे. प्रतीक ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘यह संघर्ष और जश्न का एक हिस्सा है. हर किसी को किसी न किसी तरह का संघर्ष करना पड़ता है. यह मेरा संघर्ष है लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी. कुछ करने की चाह ने मेरी मदद की, मैं काम का भूखा हूं ऐसे में मैं यहां हूं.’’ 


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उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया है कि अभिनय मेरे दिल की धड़कन और मेरी जीवन रेखा है. यह एक उतार-चढ़ाव वाला सफर रहा है. मैं जिस चरण में हूं, मैं बहुत भाग्यशाली हूं. यह मुझे बहुत सुखद अहसास दे रहा है कि मैं आज यहां हूं और अब मैं पीछे नहीं देख रहा हूं. मैं उत्साह और सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए तैयार हूं और अब मैं आत्मविश्वास से परिपूर्ण हूं.’’ प्रतीक को 2008 में उन्हें उनकी फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ के लिए अभिनेता इमरान खान के साथ नवोदित कलाकार का फिल्मफेयर अवार्ड पुरस्कार मिला था.


कई फ्लॉप फिल्में और मादक पदार्थ की लत के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ लेकिन वह इनसे बाहर आ गए. प्रतीक को विश्वास है कि वह आगे जरूर बढ़ेंगे और अपना एक मुकाम हासिल करेंगे.


(इनपुट भाषा से)