Akshay Kumar Films: फिल्मों के टैक्स फ्री होने से क्या दर्शकों और निर्माताओं को फायदा होता हैॽ यह सवाल उन दिनों एक नया मुद्दा है. शुक्रवार को रिलीज हुई अक्षय कुमार स्टारर फिल्म मिशन रानीगंज के बारे में कई लोगों का खयाल है कि सरकारों को इस टैक्स फ्री (Tax Free) कर देना चाहिए. मगर अक्षय कुमार और निर्माता, दोनों ने ही इस बारे में सरकारों से कुछ नहीं कहा है. इस तरह अक्षय कुमार की पिछली फिल्म ओ माई गॉड 2 (OMG 2) के बारे में भी कहा जा रहा था कि यह सामाजिक सरोकार की फिल्म है और इसे कर-मुक्त करना चाहिए. मगर तब भी अक्षय और निर्माताओं ने इसे टैक्स फ्री कराने में कोई रुचि नहीं दिखाई. फिल्मों के टैक्स फ्री वाले मुद्दे पर अब अक्षय का महत्वपूर्ण बयान आया है.


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टैक्स-फ्री का फायदा
फिल्म की रिलीज के बाद हाल ही में जब अक्षय से पूछा गया कि क्या मिशन रानीगंज को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए, तो उन्होंने जवाब दिया कि जीएसटी के कारण फिल्मों के टैक्स-फ्री होने का अब कुछ फायदा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अगर निर्माता फिल्म को टैक्स फ्री कराना चाहें, तो उन्हें सरकार से बात करनी चाहिए. इस मुद्दे पर अभिनेता पहल नहीं करते. निर्माता को टैक्स छूट पाने के लिए सरकार के पास जाना होगा. राज्य सरकार को इस बारे में फैसला करना होता है. उन्होंने कहा कि एक्टर के रूप में हम कहां कहां जाएंगे? एक पत्रकार ने अक्षय से कहा था कि उनकी पहुंच ऊपर तक है और वह फिल्म को टैक्स फ्री करा सकते हैं. इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि कि आपका मतलब है मैं बोलू और वो तुरंत कर देंगे? ऐसा थोड़ी होता है.



अब खास फर्क नहीं
रोचक बात यह है कि एक समय था जब फिल्मों के टैक्स फ्री होने से निर्माताओं को काफी फायदा होता था. ऐसा इसलिए कि आम तौर पर एंटरटेनमेंट टैक्स 20-30% की सीमा में होता है. कर-मुक्त फिल्म के लिए राज्य सरकार बिल्कुल भी मनोरंजन कर नहीं लेती. नतीजा यह कि टिकटों की कीमतें कम हो जाती है और ज्यादा दर्शक फिल्म देखते हैं. इससे होने वाली आय पर निर्माता को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. मगर फिल्म वॉचिंग पर जीएसटी लगने के बाद थिएटरों में टिकटों पर 12% या 18% टैक्स लगता है. इसका आधा हिस्सा केंद्र सरकार को जाता है जबकि आधा राज्य सरकार के पास. ऐसे में अब यदि कोई फिल्म किसी राज्य में टैक्स फ्री हो भी जाती है तो टिकट की कीमत का केवल 6% या 9% कम होती. इससे टिकट के रेट में खास फर्क नहीं आता और निर्माता की कमाई में भी कोई आकर्षक बढ़ोतरी नहीं होती. ऐसे में कई लोगों का मानना है कि अब फिल्मों को टैक्स फ्री करना बेकार है.