Akshay Kumar In OMG 2: बीते दो साल में कई फ्लॉप फिल्मों के बाद अक्षय कुमार (Akshay Kumar Films) अपनी 2012 की हिट फिल्म, ओ माई गॉड के सीक्वल के साथ वापसी कर रहे हैं. फिल्म में अक्षय कुमार भगवान शिव की भूमिका में हैं. पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) अदालत में अपना केस लेकर जाएंगे. जबकि यामी गौतम (Yami Gautam) उनके खिलाफ केस लड़ने वाली वकील बनी हैं. ओ माई गॉड बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों में हिंदू धर्म या देवी-देवताओं को खराब रोशनी में दिखाने वाली फिल्मों को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि अब तमाम नजरें ओ माई गॉड 2 पर लगी हैं. फिल्म का टीजर रिलीज होने के बाद कहा जा रहा है कि मेकर इस फिल्म के मुद्दे की बात नहीं कर रहे हैं और सिर्फ भक्ति दिखा रहे हैं. 


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दिखाई सिर्फ शिव भक्ति
सूत्रों की मानें तो पिछले महीने आदिपुरुष पर हुए विवाद (Adipurush Controversy) के बाद अब सेंसर बोर्ड भी सावधान हो गया. खबरें हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म को प्रमाणपत्र देने से पहले इसे रिवाइजिंग कमेटी को दिखा रहा है. आम तौर पर ऐसा नहीं होता है. रिवाइजिंग कमेटी में फिल्म के मेकर्स तब जाते हैं, जब निर्माता को फिल्म को दिए गए सेंसर प्रमाणपत्र पर आपत्ति होती है या फिर वह फिल्म के कुछ दृश्यों, संवादों या गीतों में कोई छूट चाहता है. मगर चर्चा यही है कि ओ माई गॉड के टीजर पर सोशल मीडिया में कुछ आपत्तियों के बाद सेंसर बोर्ड अलर्ट हुआ है. कुछ लोगों का मानना है कि टीजर में हिंदुओं को खुश करने के लिए केवल शिव भक्ति दिखाई गई है और चतुराई से फिल्म के वास्तविक विषय को छिपाने की कोशिश की गई. टीजर में केवल ऐसे हिस्से दिखाए गए हैं, जिनमें अक्षय कुमार भगवान बने हैं या फिर भक्ति की महिमा है.



सेक्स एजुकेशन पर चुप्पी
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फिल्म सेक्स एजुकेशन पर आधारित है. जो भारत में संवेदनशील मुद्दा है. कुछ खबरों में कहा गया था कि फिल्म में समलैंगिकता से जुड़े एजेंडे भी हैं. लेकिन फिल्म के करीबी सूत्रों ने इसका खंडन किया है. मगर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले साल अक्षय कुमार ने फिल्म का नाम लिए बगैर ही विदेश में एक फिल्म महोत्सव में कहा था कि वह सेक्स एजुकेशन के मुद्दे पर फिल्म ला रहे हैं. तबसे उनकी आने वाली फिल्मों की लिस्ट को देखते हुए यही कहा जा रहा है कि ओ माई गॉड में वह मुद्दा है. सूत्रों की मानें तो सेंसर बोर्ड सुनिश्चित करना चाहता है कि फिल्म किसी भी तरह से हिंदू भावनाओं को ठेस न पहुंचाए. मेकर इस बात पर चुप हैं कि फिल्म में यौन शिक्षा का मुद्दा है. अब गेंद दर्शकों के पाले में है कि क्या वे ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो भगवान शिव की स्तुति करने वाली फिल्म के रूप में स्कूलों में यौन शिक्षा का महत्व सिखाती है.