Amrish Puri Story: पथरीले चेहरे के कारण फिल्मों से हुए रिजेक्ट, हॉलीवुड से आया ऑफर तो कहा था- मेरी हवेली पर आकर ऑडिशन ले लो!
Amrish Puri Struggle: ये बात कम ही लोग जानते हैं कि 22 की उम्र में अमरीश पुरी हीरो बनने मुंबई आई थे लेकिन फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें नकार दिया. कास्टिंग डायरेक्टर को उनका चेहरा पथरीला सा लगा था. लेकिन उनकी किस्मत पलटी और सुपरस्टार बनने के बाद जब उन्हें हॉलीवुड से ऑफर आया तो अमेरिका जाने से ही इंकार कर दिया था.
Amrish Puri Life Story: एक्टर तो हर कोई बन जाता है लेकिन जिससे सिनेमा शुरू हो और जिस पर खत्म वो कहलाते हैं महानायक. अमरीश पुरी वही हस्ती रहे हैं जो खुद में एक सिनेमा थे. तभी तो 22 की उम्र में इंडस्ट्री से ठुकरा दिए जाने के बावजूद अमरीश फिर से वही लौटे और ऐसे लौटे कि फिर बॉलीवुड को कोई उनसे जुदा नहीं कर पाया. हीरो ना बने तो ना सही लेकिन विलेन बनकर देखते ही देखते वो ऐसे छाए कि फिर उनके कद तक पहुंचना लोगों का सपना ही रह गया. उनके नसीब में हिंदी सिनेमा था और हिंदी सिनेमा की खुशकिस्मती थी कि उन्हें ये हीरा मिला.
22 की उम्र में आए थे मुंबई
अमरीश पुरी हमेशा से ही एक्टर बनना चाहते थे तभी तो 22 की उम्र में अपने भाईयों के पास वो मुंबई आ गए. यहां आकर उन्होंने अपना पहला ऑडिशन दिया लेकिन तब उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था. क्योंकि स्क्रीन टेस्ट में लोगों को उनका चेहरा काफी पथरीला सा लगा लिहाजा उन्हें साफ कह दिया गया था कि वो हीरो नहीं बन सकते. आखिरकार मुंबई में कुछ काम धंधा तो करना ही था सो काम ढूंढा और राज्य कर्मचारी बीमा निगम में कलर्क की नौकरी भी मिल गई. एक्टिंग को साइड रख अमरीश नौकरी में ही खो गए. 20 सालों तक वो इसी काम को शिदद्त से करते रहे लेकिन एक्टिंग का कीड़ा अंदर से काट रहा था वो एनएसडी से जैसे तैसे जुड़ गए और जब रहा नहीं गया तो खुद को पूरी तरह से एक्टिंग के लिए समर्पित कर दिया.
प्रेम पुजारी ने बदल दी किस्मत
अमरीश पुरी ने यूं तो कई छोटे मोटे रोल भी निभाए लेकिन फिल्म प्रेम पुजारी में उनका बड़ा रोल था. जिसके बाद उन्हें कभी मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. मिस्टर इंडिया, करण अर्जुन, हम पांच, विधाता, शक्ति, हीरो जैसी फिल्मों में हीरो ना सही लेकिन दमदार विलेन का ऐसा रोल निभाया कि नायक पर खलनायक भारी पड़ गया. देखते ही देखते उनकी एक्टिंग का डंका पूरी दुनिया में बज उठा. उन्हें हॉलीवुड के ऑफर आने लगे. 1982 में उन्होंने गांधी फिल्म की तो वहीं 1984 में इंडियान जोन्सः द टेंपल ऑफ डूम मे वो दिखे. जिसे देख स्टीवन स्पीलबर्ग ने उन्हें अपनी फिल्म में काम करने का ऑफर दिया. जब ऑडिशन के लिए उन्हें बुलाया गया तो अमरीश पुरी ने साफ इंकार करते हुए कहा था कि ऑडिशन लेना है तो आप खुद मेरी हवेली पर आ जाइए. हालांकि फिर गांधी फिल्म के निर्देशक के कहने पर अमरीश ऑडिशन देने अमेरिका गए थे.
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