Asha Parekh First Film: 60-70 के दशक में अपनी अदाकारी का जादू लाखों-करोड़ों के दिलों पर चलाने वालीं आशा पारेख को साल 2022 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया था. एक समय था जब आशा पारेख को अपनी फिल्म में कास्ट करने के लिए मेकर्स के बीच होड़ लगी रहती थी, क्योंकि उन्हें फिल्म सक्सेस की गारंटी माना जाता था. लेकिन क्या आप जानते हैं जब आशा पारेख हिंदी फिल्म जगत का हिस्सा बनने जा रही थीं, तो उन्हें पहली फिल्म से यह कहकर निकाल दिया कि वह हीरोइन मैटेरियल नहीं हैं. जी हां...आशा पारेख ने यह किस्सा खुद एक इंटरव्यू के दौरान बताया था. 


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पहली फिल्म से निकाल दिया था बाहर!


आशा पारेख ने ऐसे तो 10 साल की उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. लेकिन बतौर लीड उन्होंने नासिर हुसैन की फिल्म दिल देके देखो से डेब्यू किया था. एंटरटेनमेंट रिपोर्ट्स की मानें तो दिल देके देखो से पहले वह विजय भट्ट की फिल्म गूंज उठी शहनाई से डेब्यू करने वाली थीं. कहा जाता है कि पहले तो मेकर्स ने एक्ट्रेस को 11 रुपए बतौर फीस देकर फिल्म के लिए साइन कर लिया और फिर कुछ समय तक शूटिंग करके उन्हें फिल्म से बाहर कर दिया गया. 


तुम हीरोइन मटेरियल नहीं बोलकर निकाला बाहर!


रिपोर्ट्स की मानें तो आशा पारेख ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म मेकर्स को उनकी जगह किसी और को कास्ट करना था. ऐसे में फिल्म प्रोड्यूसर ने उनसे कहा, वह हीरोइन मैटेरियल नहीं हैं और फिल्म से बाहर कर दिया था. फिर एक्ट्रेस ने दिल देके देखो से साल 1959 में बॉलीवुड में डेब्यू किया औऱ देखते ही देखते आशा पारेख फिल्म सक्सेस की गारंटी बन गईं. आशा पारेख ने जब प्यार किसी से होता है, फिर वही दिल लाया हूं, तीसरी मंजिल, बहारों के सपने, प्यार का मौसम औऱ कारवां जैसी अनेकों फिल्मों में काम किया है.