Movie Review `बटालियन 609`: कुछ नया है अंदाज भारत-पाकिस्तान रिश्ते को दिखाने का
आज `बटालियन 609` पर्दे पर रिलीज हुई है, इस फिल्म में भारत पाकिस्तान रिश्तों को सेना से लेकर क्रिकेट तक हर पहलू से दिखाया गया है...
मुंबई: लेखक-निर्देशक बटुकनाथ त्रिपाठी 'बटालियन 609' लेकर आए हैं, जो अपने अंदाज़ से देशप्रेम के विषय वाली फिल्म लगती है, मगर कहानी के शुरू होने के बाद अंदाजा हो जाता है कि इसमें इंडिया-पाकिस्तान के बीच की दुश्मनी को क्रिकेट मैच से जोड़कर देश प्रेम का जज्बा जगाने की कोशिश की गई है. यह अच्छी कोशिश है.
इंडिया-पाकिस्तान के रिश्तों पर कई फिल्में आई हैं पर इस बार अंदाज़ नया है. फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान की सरहद से शुरू होती है, जहां दोनों देशों के जवान सीमा रक्षा के अपने फर्ज को मुस्तैदी से अंजाम दे रहे हैं. भारत की बटालियन 609 का कैप्टन कामराज (शोएब इब्राहिम) देश प्रेम को लेकर बहुत ही जुनूनी है.
कामराज की बटालियन में उसके जैसे जांबाज हैं, तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना के कैप्टन अनवर आलम (विकी आहूजा) के भी अपने बहादुर जवान हैं. इंडिया-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प होती है और दोनों सेना के कैप्टन आपस में क्रिकेट मैच खेलने का फैसला करते हैं. तय होता है कि जो मैच हारेगा, उसे अपने देश की जमीन में से 18 किलोमीटर की जगह देनी होगी. कामराज अपने सीनियर्स की गैरजानकारी में यह फैसला लेता है और फिर उसे तालिबान के साथ-साथ कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. देखिए फिल्म का ट्रेलर...
निर्देशक बृजेश बटुकनाथ त्रिपाठी ने देशप्रेम को जगाने के लिए पाकिस्तान बैशिंग के अलावा दोनों देशों के बीच आन-बान समझे जाने वाले क्रिकेट के खेल को भी समेटा है, फ़िल्म की कहानी मे नयापन है, अच्छी निर्देशन और कास्ट की परफॉरमेंस फ़िल्म मे चार चांद लगाती है. दोनों देशों की सरकार का क्रिकेट के खेल मे शामिल होना कहानी को रोचक ढंग से आगे ले जाती है जो कहानी का प्रमुख और नया मोड़ है फ़िल्म में
अदाकारी की बात करें तो टीवी ऐक्टर शोएब इब्राहिम इस फिल्म से अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है. फिल्म में उनके साथियों की भूमिका में विश्वास कीनी, जश्न सिंह कोहली और जस्सी ने अच्छा मनोरंजन किया है. पाकिस्तानी कैप्टन की भूमिका में विकी आहूजा हैं. अभिनेत्रियों की बात करें, तो एलीना कजान खूबसूरत लगी हैं, मगर उन्हें और फरनाज शेट्टी को स्क्रीन पर ज्यादा मौका नहीं मिला है. 'दो पैग पीके', 'खोया रहूं तुझमें' जैसे फिल्म के गाने ठीक हैं.
कुल मिलाकर फ़िल्म एक एंटरटेनिंग फ़िल्म है जो देखी जा सकती है और इसे 3 स्टार दिए जा सकते हैं.