Bellamkonda Srinivas Bollywood Debut: तेलुगु स्टार विजय देवरकोंडा की लाइगर को हिंदी में सुपरफ्लॉप हुए अभी साल भर नहीं हुआ है. लेकिन कई साउथ के सितारों को लग रहा है कि बॉलीवुड दर्शकों वहां के किसी भी स्टार को अपना लेंगे और वहां की हर फिल्म यहां चल जाएगी. खास तौर पर तेलुगु का कंटेंट. मगर ऐसा नहीं है. वास्तव में पुष्पा जैसा मौलिक और एंटरटेनिंग कंटेंट ही चल पाएगा. यह बात साफ है. साथ ही एक्टर भी अच्छा होना चाहिए. यही वजह है कि तेलुगु के युवा स्टार बेलमकोंडा श्रीनिवास की हिंदी डेब्यू फिल्म छत्रपति का बुरा हाल हुआ है. फिल्म शुक्रवार को थियेटरों में आई और पहले ही दिन सुपरफ्लॉप हो गई.


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ओरीजनल कहानी नहीं
छत्रपति को बहुत ही खराब रिव्यू मिले हैं. बॉलीवुड समीक्षकों जमकर फिल्म को लताड़ा. ट्रेड रिपोर्टों के अनुसार पहले दिन फिल्म की कमाई बमुश्किल पचास लाख रुपये रही है. जबकि श्रीनिवास का हिंदी में अच्छा डिजिटल मार्केट है. उनकी हिंदी डब फिल्मों को यूट्यूब पर अच्छे व्यूज मिलते हैं. लेकिन जानकारों के अनुसार उन्होंने हिंदी में शुरुआत गलत की. छत्रपति में कोई ओरीजनल कहानी नहीं है बल्कि उन्होंने प्रभास स्टारर निर्देशक राजामौली की ब्लॉकबस्टर तेलुगु फिल्म छत्रपति के हिंदी रीमेक से अपनी शुरुआत की. यहीं वह फेल होगए. कई हिंदी समीक्षकों ने रीमेक छत्रपति हाल के दिनों में सबसे खराब फिल्मों में से एक कहा है.


खर्चा-पानी भी नहीं
असल में बॉलीवुड लगातार ब्लॉकबस्टर साउथ फिल्मों के रीमेक को सुरक्षित दांव मान रहा है. परंतु उसे नाकामी मिल रही है. हाल में सलमान खान की किसी का भाई किसी की जान जैसी साउथ की रीमेक फ्लॉप हो गई. छत्रपति के निर्देशक वीवी विनायक और श्रीनिवास भी अपनी फिल्म में दर्शकों की नब्ज पकड़ने में भूल कर गए. मैसेज साफ है कि अगर हिंदी दर्शक तेलुगू फिल्मों को एंटरटेनमेंट के लिए उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे हर पेश की जाने वाली फिल्म को देखेंगे. सच तो यही है कि छत्रपति के हिंदी में तमाम प्रचार के बावजूद दर्शकों ने सिनेमाघरों में जाने की जहमत नहीं उठाई. पहले दिन के 50 लाख के कलेक्शन से साफ है कि आने वाले दिनों में फिल्म के प्रचार-प्रसार का खर्चा भी नहीं निकल पाएगा. थियेटरों से मेकर्स शायद ही रिलीज का खर्च निकाल पाएंगे. मेकिंग का खर्च तो दूर की बात है.