Mahesh Bhatt on Jagjit Singh: कहते हैं कलाकार चला जाता है पर उसकी कला हमेशा बरकरार रहती है. आज बेशक जगजीत सिंह इस दुनिया में नहीं हैं , लेकिन उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं. 8 फरवरी के दिन जन्मे जगजीत सिंह ने 70 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा था. उन्होंने 'वो कागज की कश्ती' जैसे ढेर सारे कमाल के गानों को अपनी आवाज दी है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं उनके जीवन में जुड़ा एक अनसुना किस्सा. हाल ही में फिल्म निर्माता और निर्देशक  महेश भट्ट ने उनके बारे में बात करते हुए यह जानकारी साझा की है. 


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महेश भट्ट ने बताया जगजीत सिंह से जुड़ा अनसुना किस्सा 


द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जगजीत सिंह के बारे में महेश भट्ट कहते हैं, "जब जगजीत सिंह के बेटे की दुखद दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तो उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें अपने बेटे के शव के लिए जूनियर अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ी." इस जानकारी को प्राप्त कर महेश भट्ट को 'सारांश' के लिए एक अहम रेफरेंस प्वाइंट मिला.


जगजीत सिंह ने 1990 में अपने 20 साल के बेटे विवेक सिंह को खो दिया था. विवेक की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. बता दें कि अनुपम खेर की पहली फिल्म 'सारांश' को 40 साल पूरे हो गए हैं. महेश भट्ट द्वारा निर्देशित यह फिल्म 2 फरवरी 1984 को रिलीज हुई थी. 



बहुत दुखद था विवेक का निधन 


जगजीत सिंह के बेटे का निधन भारत नहीं, बल्कि लंदन में हुआ था. इस ट्रेजेडी के बाद से ही जगजीत ने सिंगिंग से ब्रेक लिया और उनकी वाइफ चित्रा ने गाना छोड़ दिया. ऐसा भी कहा जाता है कि जब एक समारोह के दौरान जगजीत 'दर्द से मेरा दामन भर दे' गजल सुना रहे थे, उसी के बाद उन्हे हकीकत में बेटे को खोने की दर्द भरी जानकारी मिली थी.


जगजीत सिंह ने ढेर सारे हिट गानों को अपनी आवाज दी और फैंस जगजीत के साथ-साथ उनकी आवाज को भी हमेशा याद रखेंगे.