Jeetendra Life Story: पुराने दौर के हर एक्टर्स की बात ही कुछ और थी. एक्टिंग में तो माहिर थे ही लेकिन उनका स्टाइल ही उनकी पहचान माना जाता था. धर्मेंद्र, देवानंद, विनोद खन्ना या फिर जितेंद्र. किसी को भी देख लीजिए हर किसी का अंदाज दूसरे से जुदा था और यही उन्हें भीड़ में सबसे अलग बनाता था. जीतेंद्र भी इन्हीं में से एक थे. जिनके कपड़े पहनने का स्टाइल हो या फिर डांस का तरीका सब कुछ यूनीक था और लोगों को खूब भाता भी था. तभी तो उन्हें उस वक्त युवा खूब फॉलो किया करते थे. चेहरे से भले ही मासूम से थे जितेंद्र लेकिन असल में बेहद शैतान और उनकी चालाकियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फिल्म को हिट कराने के लिए वो क्या क्या तिकड़म लगाते थे.


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वी शांताराम ने दिया था पहला मौका  
जितेंद्र के फिल्मों में डेब्यू के पीछे एक मजेदार कहानी है. कहा जाता है कि अपनी जान की परवाह ना करते हुए अभिनेता कुछ ऐसा कर गए थे जिसे देखकर वी शांताराम जैसे फिल्ममेकर भी उनसे इम्प्रेस्ड हो गए थे. दरअसल, जितेंद्र का परिवार फिल्मों की शूटिंग के लिए ज्वैलरी उपलब्ध कराता था लिहाजा उनका सेट पर आना जाना लगा रहता. एक बार वो वी शांताराम की किसी फिल्म के सेट पर थे जिसमें उनकी बेटी ही लीड एक्ट्रेस थी. एक सीन में उनकी बेटी को आग में से निकलना था लेकिन कोई भी बॉडी डबल ये सीन करने को तैयार नहीं हुई. पर इस सीन के लिए जितेंद्र ने हां कह दी और ये सीन कर दिया. फिर क्या था जितेंद्र के करियर की गाड़ी चल निकली.


वी शांताराम ने दिया था फिल्म में ब्रेक
जितेंद्र की पहली फिल्म थी गीत गाया पत्थरों ने जो लोगों को पसंद तो आई लेकिन इससे जितेंद्र के करियर को कुछ खास फायदा नहीं हुआ इसके बाद उनकी तीसरी फिल्म थी फर्ज जो सिनेमाघरों में 12 हफ्ते लगी रही लेकिन फिर भी कलेक्शन कुछ खास ना कर सकी. लिहाजा तय किया गया कि फिल्मों को थियेटर से हटा दिया जाएगा. ये बात सुनकर जितेंद्रे ने फिल्म को हिट कराने की ठान ली लिहाजा चालाकी चलते हुए उन्होंने खुद ही सारी टिकट खरीद ली. जिससे फिल्म थियेटर में लगी रही. इस तरह फ्लॉप करार दे दी गई एक फिल्म सुपरहिट हो गई. 


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