Pran interesting story: प्राण (Pran) हिंदी सिनेमा का वो नाम हुआ करता था जिसका नाम सुनते ही बच्चे डर के मारे कांपने लगते थे. खैर, फिल्मों में उनकी एंट्री की कहानी उतनी ही दिलचस्प है जितना कि फिल्म जंजीर में प्राण का किरदार. कम ही लोग जानते हैं कि दिवंगत एक्टर का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद (Pran Krishan Sikand) था. फिल्मों में आना उनके लिए एक एक्सीडेंट था. क्योंकि प्राण हमेशा से एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए प्राण ने दिल्ली के एक फोटो स्टूडियो में काम करना शुरू किया. 


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इस बुरी लत ने दिलाया काम


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्राण को सिगरेट पीने की बुरी लत थी. शिमला  की एक पान की दुकान पर उन्हें पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के राइटर मोहम्मद वली ने सिगरेट पीते हुए देखा. प्राण का स्टाइल मोहम्मद वली को इतना भाया की उन्हें अपनी फिल्म 'यमला जट' का ऑफर ही दे डाला. यहीं से फिल्मों में प्राण की एंट्री हो गई. पंजाबी के बाद उन्हें हिंदी फिल्मों के भी ऑफर आने लगे. फिर साल 1942 में प्राण ने फिल्म 'खानदान' से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया. 


 होटल में भी किया काम


लेकिन एक बार कुछ ऐसा हुआ कि कई फिल्मों में काम करने के बाद भी प्राण को होटल में काम करना पड़ा. दरअसल, जब देश का विभाजन हुआ तब प्राण पत्नी और एक साल के बेटे को लेकर लाहौर से मुंबई आए. उस वक्त तक प्राण 18-20 पंजाबी फिल्मों में काम कर चुके थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई आकर प्राण ताज होटल में ठहरे थे लेकिन उस वक्त पैसों की दिक्कत की वजह से उन्हें परिवार के साथ किसी सस्ते होटल में शिफ्ट होना पड़ा. इतना ही नहीं प्राण को उस वक्त लगभग 8 महीने तक मुंबई के मरीन ड्राइव पर एक होटल में काम करना पड़ा. महीनों बाद प्राण को देव आनंद की फिल्म 'जिद्दी' में मौका मिला. 


ऐसा था परिवार का रिएक्शन 


जब तक प्राण का इंटरव्यू पेपर में नहीं छपा था तब तक उनके पिता को इस बात की भनक तक नहीं थी कि वो फिल्मों में काम करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्राण को डर था कि उनके पिता नाराज हो जाएंगे. जब एक न्यूज पेपर में प्राण का इंटरव्यू छपा तो उन्होंने अपनी बहन से मदद मांगी और अखबार छिपाने के लिए कहा लेकिन तब तक उनके पिता वो इंटरव्यू देख चुके थे. हालांकि, जब प्राण के पिता को पता लगा कि वो फिल्मों में काम करते हैं तब वो नाराज नहीं हुए. क्योंकि तब तक प्राण बहुत से अच्छे और बुरे किरदार निभा चुके थे. 


लेते थे हीरो से ज्यादा फीस
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने दौर में प्राण हीरो से ज्यादा फीस लिया करते थे. इसी से उनकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है. कहा जाता है कि प्राण से ज्यादा सिर्फ राजेश खन्ना और शशि कपूर को ही उस वक्त फीस मिला करती थी. प्राण के बारे में एक और बात है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं कि वो प्राण अपने लुक पर काफी काम करते थे. 


 

 

 

 



 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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पर्सनल आर्टिस्ट


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने लुक और गेटअप के लिए प्राण एक पर्सनल आर्टिस्ट रखते थे. वो पहले प्राण का स्केच बनाता था इसके बाद मेकअप आर्टिस्ट उस लुक पर काम किया करता था. वहीं, उन्होंने फिल्मों में विलेन के ऐसे-ऐसे किरदार निभाए कि लोग अपने बच्चों का नाम प्राण रखना ही नहीं चाहते थे. इस बारे में बात करते हुए प्राण ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि-  'फिल्म उपकार की रिलीज से पहले जब मैं सड़क पर चलता था तो मुझे देखकर लोग लफंगा,   बदमाश और गुंडा कहकर बुलाते थे. जब मैं स्क्रीन पर आता था तो अपनी मां की गोद में बच्चे मुंह छुपा लेते थे'. 


इन फिल्मों में दिखाया कमाल


अपने शानदार करियर में प्राण ने लगभग 20-22 पंजाबी फिल्मों में काम किया. इसके अलावा 'जंजीर', 'कालिया', 'डॉन', 'बॉबी', 'उपकार', 'सनम बेवफा', 'शराबी', 'मजबूर', 'धरम-वीर', 'परिचय', 'पूरब और पश्चिम', 'खानदान', 'राजकुमार' और 'दोस्ताना' जैसी कई हिट बॉलीवुड फिल्मों में काम किया. साल 2013 में मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में प्राण ने अपनी आखिरी सांसें ली थीं. 


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