Films On Corona: बॉलीवुड में वास्तविक घटनाओं पर फिल्में बनाने का ट्रेंड जोरों पर हैं. कोरोना महामारी पर तमाम शॉर्ट फिल्मों, फिल्मों और वेब सीरीजों के बाद अब निर्देशक शुवेंदु राज घोष फिल्म ला रहे हैं, कुसुम का बियाह. फिल्म कोरोना में लॉकडाउन में हुई कुसुम की शादी की कहानी है. फिल्म बताता है कि कैसे बिहार (Bihar) से झारखंड (Jharkhand) गई एक बारात दोनों राज्यों की सीमा पर फंस जाती है. किस तरह से केंद्र सरकार का अचानक लिया गया निर्णय ग्रामीण अंचल में जिंदगियों की रफ्तार रोक देता है. फिल्म बिहार और झारखंड के सरकारी सिस्टम की खींचतान में आम आदमी की मुश्किलें दिखाई गई हैं.


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दो सीमाओं की मुश्किल
साल 2000 से पहले बिहार-झारखंड दोनो एक ही राज्य थे. लेकिन बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद कई राजनीतिक और प्रशासनिक जटिलताएं पैदा हो गईं, जो अभी तक जारी हैं. कोरोना के चलते दो राज्यों की सीमा पर कुसुम की बारात फंसने की घटना स्थानीय समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में सुर्खियों में आई थी. हालांकि घटना को मनोरंजक तरीके से  बड़े पर्दे पर दिखाया गया है. फिल्म का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है. फिल्म में सिक्किम की सुजाना दर्जी और करनाल (हरियाणा) के लवकेश गर्ग मुख्य भूमिकाओं में हैं.



48 घंटे और बांस का पुल
निर्देशक शुवेंदु राज घोष कहते हैं कि फिल्म बताती है कि आखिर क्यों कुसुम और सुनील की बारात एक बांस के पुल पर 48 घंटे से ज्यादा समय तक फंसी  रही. फिल्म दो राज्यों के मतभेद से ज्यादा हमारे सरकारी सिस्टम का कामकाज दिखाती है. फिल्म बताती है कि अंततः मुसीबतों का सामना जनता को करना पड़ता है. इसलिए व्यवस्था में सौहार्द्र जरूरी है. लवकेश गर्ग और सुजाना दर्जी के साथ राजा सरकार, सुहानी बिस्वास, पुण्य दर्शन गुप्ता, रोजी रॉय और प्रदीप चोपड़ा की भी फिल्म में अहम भूमिकाएं हैं. कहानी और स्क्रीन प्ले विकास दुबे-संदीप दुबे ने लिखा हैं. संगीत भानु सिंह ने कंपोज किया हैं. कुसुम का बियाह 21 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.