Cuckoo Moray Life Facts: डांस हमेशा से ही हिंदी सिनेमा की जान रहा है, लेकिन इसका चलन बढ़ाने का श्रेय कुक्कू मोरे को जाता है. ये हिंदी सिनेमा की पहली आइटम गर्ल थीं. इन्हें रबर गर्ल कहा जाता था क्योंकि शरीर में वो फुर्ती और लचीलापन था कि इनके डांस के बिना कोई हिंदी हिट फिल्म नहीं होती थी. जब सोना 38- 62 रुपए तोला था, तब ये चंद मिनट के गानों के लिए 6000 रुपए लिया करती थीं, इनमें हुनर ऐसा था कि फिल्ममेकर भी इस बड़ी रकम में राजी हो जाते थे. वो दौर जब रूबी मेयर्स जैसी स्टार्स भी 3-4 घंटों की परफॉरमेंस के लिए 5000 ही लेती थीं. हीरो सेट पर साइकिल से पहुंचते थे, लेकिन कुक्कू लग्जरी गाड़ियों से. रईसी ऐसी थी कि घर की 3 लग्जरी गाड़ियों में एक कुत्तों के लिए थी.


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पानी की तरह बहाती थीं पैसा


8000 महंगी डिजाइनर ड्रेस, 5000 जूतों की जोड़ियां इनके पास थे. कुक्कू रोज खुद पर और दोस्तों पर पैसे पानी की तरह बहाती थीं, लेकिन कहते हैं न कि कद्र नहीं करो तो सब छिन जाता है. कुछ ऐसा ही कुक्कू के साथ हुआ. कुक्कू ही पॉपुलर डांसर हेलन की गॉडफादर थीं. हेलन को उन्होंने ही डांस सिखाया और फिल्मों में जगह दिलवाई. लेकिन हेलन की बढ़ती पॉपुलैरिटी से कुक्कू का चार्म खत्म होने लगा.


पाई-पाई को हो गईं मोहताज


पॉपुलैरिटी कम हुई तो कुक्कू ने 1962 में फिल्में छोड़ दीं.कुछ साल बाद इनके घर इनकम टैक्स की रेड पड़ी. नियमों का उल्लंघन करने पर इनकी पूरी संपत्ति जब्त कर ली गई और कुक्कू इसे वापस हासिल नहीं कर पाईं. लग्जरी बंगले से निकलकर कुक्कू किराए के घर में रहने लगीं. एक समय इतनी गरीब हो गईं कि खाने तक के पैसे नहीं रहे. सब्जी मंडी में फेंकी गईं सब्जियां खाकर जिंदा रहीं. फिर कुक्कू को कैंसर हो गया, लेकिन उनके पास इलाज के पैसे तक नहीं थे, ना कोई उनकी मदद करने वाला था. कुछ समय बाद किराए का घर छोड़कर वो सड़कों पर भीख मांगने लगीं. सड़कों में पड़ा खाना खाने लगीं. 30 सितंबर 1981. सही इलाज न मिलने पर कुक्कू का कैंसर से निधन हो गया. और कोई उन्हें देखने तक नहीं पहुंचा.