Neena Gupta Controversy: सीनियर एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने एक दौर में बिना विवाह किए ही मां बनकर भारतीय समाज में तहलका मचा दिया था. वेस्ट इंडियन क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स के साथ विवाह किए बिना वह बेटी मसाबा की मां बनी थीं. अब नीना गुप्ता ने अपने एक इंटरव्यू में फेमिनिज्म (Feminism) यानी नारीवाद के विचार को ‘फालतू’ बताया है. वह एक इंटरव्यू (Neena Gupta Interview) में इस मुद्दे पर बात कर रही थीं कि क्या महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं. फिल्म बधाई हो से बीत कुछ वर्षों से सुर्खियों में आने वाली नीना गुप्ता ने कहा कि वह इस तथ्य में विश्वास नहीं करतीं कि पुरुष और महिलाएं समान हैं. नीना गुप्ता ने अपना ही उदाहरण दिया और बताया कि महिलाओं को जीवन में पुरुषों की जरूरत होती है.


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फालतू नारीवाद
यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया (Ranveer Allahbadia) के साथ एक बातचीत में नीना गुप्ता ने कहा कि फालतू नारीवाद या इस विचार में विश्वास करना जरूरी नहीं है कि महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों से बराबरी की बहस के बजाय इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि वह आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करें और अपने काम पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि यदि आप एक गृहिणी हैं, तो इस बात को न समझें; यह एक महत्वपूर्ण भूमिका है. महिलाएं अपने आत्मसम्मान को बढ़ाएं और खुद को छोटा समझने से बचें. उन्होंने कहा कि यही मुख्य संदेश मैं देना चाहती हूं. महिलाओं और पुरुषों की बराबरी पर उन्होंने कहा कि वह दिन तब आएगा, जब पुरुष गर्भवती होने लगेंगे. उस दिन हम समान होंगे.



अंधेरे में सुबह
समाज में महिलाओं और पुरुषों की बराबरी के ही मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुझे एक बार सुबह छह बजे फ्लाइट पकड़नी थी. उस समय मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था. मैं सुबह चार बजे घर से निकली. जब अंधेरा था. एक आदमी ने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया, तो मैं अपने घर वापस चली गई और मैं मेरी फ्लाइट छूट गई. 64 वर्षीय नीना गुप्ता ने आग बताया कि अगले दिन मैंने वही फ्लाइट बुक की. लेकिन मैं अपने पुरुष मित्र के घर पर रुकी और उसने मुझे छोड़ अगली सुबह छोड़ा. मुझे एक आदमी की जरूरत है. नीना गुप्ता ने कहा कि जीवन में आज भी उनका लक्ष्य ऐसी व्यक्ति बनना है, जो किसी पर निर्भर न हो.