जब डायरेक्टर ने फिल्म के सेट से जितेंद्र को कर दिया था बाहर, पिता से भी सुननी पड़ी थी डांट
Bollywood Retro: 70 से 80 के दशक में बॉलीवुड से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाले जितेंद्र को ये मुकाम हासिल करने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ा. एक बार तो एक निर्देशक ने छोटी सी बात के लिए उनको फिल्म के सेच ही बाहर निकाल दिया था और जब ये बात उन्होंने अपने पिता को बताई तो उन्होंने भी डांट लगाई थी.
Bollywood Retro Jeetendra Junior Assistant Story: फिल्म इंडस्ट्री के वो दिग्गज अभिनेताओं में गिने जाने वाले जितेंद्र ने अपने लंबे करियर में करीब 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिनमें से उनकी 56 फिल्में हिट रही हैं. इतना ही नहीं, बताया जाता है कि 'जंपिंग जैक' जितेंद्र ने अपनी फिल्मों के मामले में अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना और शाहरुख खान तक को पछाड़ दिया था. उनका दमदार अभिनय और डांस को फैंस हमेशा याद रखेंगे.
आज भले ही जितेंद्र फिल्मी दुनिया से दूरी बनाए हैं, लेकिन वो अभी भी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं और इवेंट्स में नजर आते हैं. हालांकि, 70 से 80 के दशक में बॉलीवुड से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाले जितेंद्र से जुड़े ऐसे कई अनसुने किस्से हैं, जिनसे फैंस भी अनजान हैं. जितेंद्र को ये मुकाम हासिल करने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ा. एक बार तो एक निर्देशक ने छोटी सी बात के लिए उनको फिल्म के सेच ही बाहर निकाल दिया था और जब ये बात उन्होंने अपने पिता को बताई तो उन्होंने भी डांट लगाई थी.
जब डायरेक्टर ने निकाल दिया था सेट से बाहर
जी हां, इस किस्से की शुरुआत होती है साल 1959 में रिलीज हुई फिल्म 'नवरंग' से, जब जितेंद्र फिल्म के सेट पर गए थे और डायरेक्टर शांताराम ने उनको देखते ही अपनी फिल्म में ले लिया था, लेकिन इस फिल्म में उन्होंने एक्ट्रेस के बॉडी डबल का किरदार निभाया था. हालांकि, इंडस्ट्री में एंट्री को लेकर इसी फिल्म से उनकी किस्मत के रास्ते खुल गए थे. इसके बाद साल 1963 में फिल्म 'सेहरा' आई. इस फिल्म का निर्देशन भी शांताराम ने ही किया था और उन्होंने जितेंद्र को जूनियर आर्टिस्ट रख लिया था और इस फिल्म के सेट से डायरेक्टर ने उनको बाहर निकाल दिया था.
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पिता ने भी लगाई थी डांट
इस किस्से का जिक्र करते हुए खुद एक बार जितेंद्र ने बताया था, 'मैं फिल्म 'सेहरा' की शूटिंग पर जूनियर आर्टिस्ट था. मुझे सेट पर 8 बजे पहुंचना होता था लेकिन एक बार मैं आधा घंटा लेट पहुंचा, जिसपर शांताराम जी भड़क गए. उन्होंने मुझे ये कहते हुए वहां से निकाल दिया कि चलो इसे निकालो इसे, बॉम्बे भेजो. अब मैं इसकी शक्ल नहीं देखना चाहता हूं. मुझे बाहर भेज दिया गया'. इसके बाद उन्होंने ये बात अपने पिता को बताई तो पहले उनके पिता ने उनको खूब डांट लगाई, लेकिन बाद में सलाह देते हुए कहा था, 'गलतियां करना बंद करो' और इस एक बात ने मेरी जिंदगी बदल दी.